केजीएमयू में भी चल रही है ऑक्सीजन पाइपलाइन बिछाने की जांच

=केजीएमयू में ऑक्सीजन पाइन लाइन के टेंडर का मामला =वर्ष 2012=13 में हुआ था ऑक्सीजन पाइप ल

By JagranEdited By: Publish:Sun, 13 Aug 2017 09:35 PM (IST) Updated:Sun, 13 Aug 2017 09:35 PM (IST)
केजीएमयू में भी चल रही है ऑक्सीजन पाइपलाइन बिछाने की जांच
केजीएमयू में भी चल रही है ऑक्सीजन पाइपलाइन बिछाने की जांच

कंपनी ने काम किए बिना थमा दिया था 37 लाख रुपये का बिल

=वर्ष 2012=13 में हुआ था ऑक्सीजन पाइप लाइन का टेंडर

जागरण संवाददाता,लखनऊ: किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में ऑक्सीजन पाइपलाइन बिछाने को लेकर गैस एजेंसी और अधिकारियों की सांठगांठ के कई मामले सामने आ चुके हैं। इसी तरह के एक मामले में वर्ष 2012=13 में विश्वविद्यालय में कई ऐसे विभागों में ऑक्सीजन पाइपलाइन बिछा दी गई जहां मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत तक नहीं थी। वहीं कंपनी ने इसके लिए लंबा चौड़ा बिल भी थमा दिया है, विवादों के चलते जिसका भुगतान अभी तक नहीं हो पाया है।

केजीएमयू में वर्ष 2012=13 में कई विभागों में ऑक्सीजन पाइप लाइन बिछाने का ठेका एक निजी गैस सर्विस को दिया गया था। पाइप लाइन बिछवाने में केजीएमयू के कई अधिकारियों ने कमीशन खोरी के लिए हाथ मिला लिया। वहीं कंपनी ने विश्वविद्यालय के उन उन विभागों में पाइपलाइन बिछाने का टेंडर दे दिया गया था जहां मरीजों की भर्ती न के बराबर थी और न ही वहां किसी भी तरह से मरीजों को इमरजेंसी केयर या ऑक्सीजन की जरूरत थी। इसमें केजीएमयू के जिरियाट्रिक मेंटल हेल्थ, नेत्र रोग समेत कई अन्य विभाग शामिल हैं।

पाइपलाइन लगाने के टेंडर के बाद गैस एजेंसी ने केजीएमयू प्रशासन 37 लाख रुपये का लंबा बिल थमा दिया गया। मामले में तत्कालीन चिकित्सा अधीक्षक समेत दूसरे अधिकारियों ने आपत्ति भी जाहिर की। जिसके बाद कंपनी ने दूसरे अधिकारियों से हाथ मिलाया लिया और भुगतान का दबाव बनाया, लेकिन हंगामे की वजह से भुगतान नहीं हो पाया।

मामले की हवा लगते ही केजीएमयू के डॉक्टर दो गुटों में बंट गया जो कि इस घोटाले के विपक्ष में आ गया। जिसकी वजह से कंपनी को अभी तक 37 लाख रुपये का भुगतान नहीं हो पाया है। मामले की तफ्तीश अभी भी चल रही है, जिसका अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल पाया है। मामले के तूल पकड़ते ही कंपनी भी केजीएमयू से किनारा कर चुकी है।

वहीं इस संबंध में केजीएमयू के सीएमएस डॉ.एसएन शंखवार से पूछा गया लेकिन उन्होंने मामले की जानकारी नहीं होने की बात कही। वहीं ऑक्सीजन व्यवस्था के इंचार्ज डॉ.संदीप तिवारी ने कहा कि अभी मामले की जांच चल रही है जांच पूरे होते ही सूचना दी जाएगी।

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