सावधान! लखनऊ में साइबर ठगी का नया तरीका, मोबाइल पर फर्जी बिजली बिल भेजकर लगा रहे चूना

मध्याचंल द्वारा जारी एक प्रेस नोट में बताया गया है कि उपभोक्ता 9919700251 9450366033 और 9412870456 नंबरों से सावधान रहे क्योंकि इन्हीं नंबरों से फोन आते हैं। उपभोक्ताओं को एसएमएस के जरिए एक लिंक भेजा जाता है। लेकिन विभाग द्वारा ऐसा कोई मैसेज नहीं भेजा रहा है।

By Vikas MishraEdited By: Publish:Tue, 14 Jun 2022 12:24 PM (IST) Updated:Tue, 14 Jun 2022 01:33 PM (IST)
सावधान! लखनऊ में साइबर ठगी का नया तरीका, मोबाइल पर फर्जी बिजली बिल भेजकर लगा रहे चूना
मध्यांचल एमडी ने अपील की है कि उपभोक्ता ऐसे जालसाजों से सावधान रहे।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। अगर आपके मोबाइल पर बिजली बिल के फर्जी मैसेज भेज कर उपभोक्ताओं से अनाधिकृत व्यक्तियों द्वारा फोन पर बिल जमा करने की बात कही जा रही है, तो होशियार रहे। मध्यांचल एमडी ने अपील की है कि उपभोक्ता ऐसे जालसाजों से सावधान रहे। फोन पर जालसाज उपभोक्ता से प्ले स्टोर पर एक एप डाउनलोड करने को कहते हैं और फिर एप करने पर आइपी एड्रेस टाइप का 12 डिजिट का आटो जनरेटेड कोड मांगा जाता है उस कोड को बताते ही मोबाइल की समस्त जानकारी अज्ञात व्यक्ति के पास चली जाती हैं। उसके बाद संबंधित व्यक्ति द्वारा गूगल पे या अन्य माध्यम से एक खाते से पेमेंट अपने खाते में कर लिया जाता है।

मध्याचंल द्वारा जारी एक प्रेस नोट में बताया गया है कि उपभोक्ता 9919700251, 9450366033 और 9412870456 नंबरों से सावधान रहे, क्योंकि इन्हीं नंबरों से फोन आते हैं। उपभोक्ताओं को एसएमएस के जरिए एक लिंक भेजा जाता है और यह कहा जाता है कि आप लिंक पर क्लिक कर अपने बिजली बिल का भुगतान कर दें। आइटी के जानकारों ने बताया कि कुछ उपभोक्ताओं को मैसेज भेजकर यह कहा जाता है कि इस एप को ओपन करे। मध्याचंल का दावा है कि ऐसे मैसेज बिजली विभाग द्वारा नहीं भेजे जा रहे हैं।

उपभोक्ता बिजली विभाग के काउंटर, ई सुविधा काउंटर, कस्टमर केयर सेंटर, बिलिंग एजेंट और बिजली सखी के जरिए ही बिल जमा करे। इसके अलावा www.upenergy.in पर उपलब्ध नेट बैकिंग डेबिट कार्ड/क्रेडिट कार्ड/भीम एप/पेटीएम सहित कई माध्यमों से उपभोक्ता भुगतान कर सकते हैं। उपभोक्ता के पास अगर कोई ऐसा फोन आता है तो उपभोक्ता 1912 पर पहले इसकी पुष्टि कर ले और स्थानीय अभियंता से भी संपर्क करके जानकारी लेने के बाद ही कदम उठाए। क्योंकि अधिकारी, कर्मचारी/एसएमएस द्वारा लिंक भेज कर मोबाइल नंबर से लिंक भेजने और स्क्रीन शेयर करने के लिए अधिकृत नहीं है।

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