NCC की बालिका कैडेटों को अश्‍लील वीडियो भेजने में फंसे सेना के एडीजी Lucknow news

समरी ऑफ एविडेंस ने तय किए आरोप। सेनाध्यक्ष ने दिए जीसीएम कार्रवाई के आदेश। पिछले साल गुजरात की एनसीसी बालिका कैडेटों ने लगाया था आरोप।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Fri, 15 Nov 2019 07:20 AM (IST) Updated:Fri, 15 Nov 2019 07:20 AM (IST)
NCC की बालिका कैडेटों को अश्‍लील वीडियो भेजने में फंसे सेना के एडीजी Lucknow news
NCC की बालिका कैडेटों को अश्‍लील वीडियो भेजने में फंसे सेना के एडीजी Lucknow news

लखनऊ, (निशांत यादव)। एनसीसी बालिका कैडेटों के मोबाइल फोन पर अश्लील संदेश भेजने के आरोप में गठित समरी ऑफ एविडेंस ने वरिष्ठ सैन्य अफसर पर आरोप तय कर दिया है। यूपी व उत्तराखंड सेना भर्ती मुख्यालय में तैनात एडीजी को अब समरी ऑफ एविडेंस रिकॉर्ड के बाद जनरल कोर्ट मॉर्शल की प्रक्रिया का सामना करना पड़ेगा। यह कार्रवाई सेनाध्यक्ष के आदेश पर इंफेंट्री की एक कोर में तैनात ले. जनरल रैंक के अधिकारी की अध्यक्षता में होगी। 

पिछले वर्ष एक जून को मेजर जनरल डॉ. सुभाष शरण यूपी एनसीसी के एडीजी बने थे। इससे पहले वह गुजरात एनसीसी में इसी पद पर तैनात थे। गुजरात एनसीसी की बालिका कैडेटों ने मेजर जनरल शरण पर मोबाइल फोन से पोर्न वीडियो और अश्लील मैसेज भेजने की शिकायत रक्षा मंत्रालय में की थी। जिसके बाद सेना के आर्टीलरी स्कूल में तैनात ले. जनरल रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में उनके खिलाफ कोर्ट ऑफ इंक्वायरी गठित की गई। इस इंक्वायरी में दो राज्यों के एडीजी एनसीसी और एक महिला कर्नल को भी शामिल किया गया।

मेजर जनरल के मोबाइल फोन के बैकअप, वाट्सएप से चैटिंग और गूगल पर स्टोर डाटा की जांच की गई। जिसके बाद उनको आरोपी मानते हुए समरी ऑफ एविडेंस रिकॉर्ड की कार्रवाई शुरू हुई। मेजर जनरल शरण को एनसीसी से हटाकर यूपी व उत्तराखंड भर्ती मुख्यालय का एडीजी बनाया गया। समरी ऑफ एविडेंस रिकॉर्ड के लिए मेजर जनरल शरण को चार्जशीट दी गई। चार्जशीट का जवाब संतोषजनक नहीं मिला। एक साल बाद उनको समरी ऑफ एविडेंस प्रक्रिया के बाद दोषी पाया गया है। अब जनरल कोर्ट मार्शल प्रक्रिया के दौरान मेजर जनरल शरण को अपना पक्ष रखने का एक मौका दिया जाएगा। यह कोर्ट मार्शल प्रक्रिया से पहले अंतिम बार की गई कार्रवाई होती है। 

तब भी आए थे चर्चा में 

मेजर जनरल शरण इस साल 24 जून को उस समय चर्चा में आए जब पहली बार एक सैन्य अधिकारी के रूप में वह देवबंद स्थित दारुल उलूम गए। उन्होंने दारुल उलूम के मौलाना अब्दुल कासिम को भगवद गीता भेंट की थी। पहली बार मिलिट्री पुलिस में महिला जीडी की भर्ती रैली की प्रक्रिया भी मेजर जनरल शरण के कार्यकाल में पूरी की गई है।

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