यूपी में प्रवासी श्रमिकों का साथी बनेगा आभा एप, अपना हुनर दर्ज करा सीख सकेंगे उद्यमिता के नुस्खे

उत्तर प्रदेश में वापस लौटे प्रवासी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराकर उन्हें स्वावलंबी बनाने में सहायता देने के लिए व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विभाग ने आभा एप तैयार किया है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Fri, 19 Jun 2020 06:16 PM (IST) Updated:Sat, 20 Jun 2020 07:20 AM (IST)
यूपी में प्रवासी श्रमिकों का साथी बनेगा आभा एप, अपना हुनर दर्ज करा सीख सकेंगे उद्यमिता के नुस्खे
यूपी में प्रवासी श्रमिकों का साथी बनेगा आभा एप, अपना हुनर दर्ज करा सीख सकेंगे उद्यमिता के नुस्खे

लखनऊ [राजीव दीक्षित]। कोरोना काल में लॉकडाउन के कारण उत्तर प्रदेश में वापस लौटे प्रवासी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराकर उन्हें स्वावलंबी बनाने में सहायता देने के लिए व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विभाग ने आभा (आत्मनिर्भर भारत) एप तैयार किया है। इस मोबाइल एप को जल्द ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों लांच कराने की योजना है। योगी सरकार ने यह भी तय किया है कि श्रमिकों को योग्यता के अनुसार रोजगार देने के लिए उनकी कॅरियर काउंसिलिंग भी कराई जाएगी। इसके लिए हर जिले में हेल्प डेस्क और मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में समिति गठित होगी। वहीं प्रदेश में वापस लौटे सात लाख प्रवासी कामगारों का स्किल मैपिंग डाटा सेवायोजन पोर्टल पर अपलोड करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। 

व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विभाग द्वारा तैयार किए गए आभा (आत्मनिर्भर भारत) एप के जरिए प्रवासी श्रमिकों का कौशल अंकन हो सकेगा। प्रवासी श्रमिक इस एप पर अपने हुनर की जानकारी अपलोड कर सकेंगे। इसके माध्यम से वे कौशल प्रशिक्षण के लिए पंजीकरण भी करा सकेंगे। कौशल प्रशिक्षण के लिए 10 सेक्टरों के 50 ट्रेड चिन्हित किए गए हैं। प्रवासी श्रमिक अपनी रुचि के अनुसार इनमें से किन्ही तीन ट्रेड/पाठ्यक्रमों में कौशल प्रशिक्षण का विकल्प दे सकेंगे।

उद्यमिता और पूंजी के सदुपयोग के नुस्खे सिखाने वाले वीडियो भी इस एप पर उपलब्ध है। इनके जरिए छोटी पूंजी से शुरू किए जाने वाले विभिन्न स्वरोजगारपरक व्यवसायों के बारे में बताया गया है। पूंजी की व्यवस्था करने के लिए मुद्रा ऋण सरीखी योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी गई है। श्रमिकों के कल्याण के लिए श्रम विभाग की ओर से संचालित की जा रही योजनाओं की जानकारी भी इस एप के जरिए मुहैया कराई गई है। योजनाओं के तहत उपलब्ध सुविधाओं और उनका लाभ पाने के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रियाओं की जानकारी भी दी गई है।

11 हजार को देंगे पंप ऑपरेटर की ट्रेनिंग : हर घर के लिए नल जल योजना के चालू होने से बड़े पैमाने पर पंप हाउस ऑपरेटर की जरूरत पड़ेगी। इसे देखते हुए कौशल विकास मिशन ने जल निगम के सहयोग से इसी महीने 11 हजार लोगों को पंप हाउस ऑपरेटर की ट्रेनिंग देने की योजना तैयार की है।

45 जिलों में सिलाई कढ़ाई की ट्रेनिंग शुरू : कौशल विकास मिशन के तहत महिला स्वयं सहायता समूह के लिए प्रदेश के 45 जिलों में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत सिलाई कढ़ाई की ट्रेनिंग शुरू कराई गई है। दस 10 दिनों की ट्रेनिंग में 14000 महिलाएं भाग ले रही हैं।

प्रवासी श्रमिकों की कॅरियर काउंसिलिंग कराएगी सरकार : प्रवासी श्रमिक और कामगारों को रोजगार मुहैया कराने के लिए निचले स्तर तक पूरा ढांचा तैयार किया जा रहा है। यूपी की योगी सरकार ने तय किया है कि श्रमिकों को योग्यता के अनुसार रोजगार देने के लिए उनकी कॅरियर काउंसिलिंग भी कराई जाएगी। इसके लिए हर जिले में हेल्प डेस्क और मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में समिति गठित होगी। कॅरियर काउंसिलिंग और हेल्प डेस्क के संचालन की नियमित निगरानी के लिए जिला स्तर पर मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति गठित कराएं। इसमें जिला रोजगार सहायता अधिकारी सदस्य सचिव, जबकि राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के प्रधानाचार्य, जिला अग्रणी बैंक के प्रबंधक, उपायुक्त उद्योग, संबंधित खंड विकास अधिकारी और रोजगार योजनाओं से संबंधित विभागों के अन्य जिलास्तरीय अधिकारी सदस्य के रूप में शामिल होंगे।

अब तक 68 हजार प्रवासी कुशल कामगारों का ब्योरा सत्यापित

प्रदेश में वापस लौटे जो प्रवासी कामगार स्किल मैपिंग में कुशल पाए गए हैं, उनका ब्योरा सेवायोजन पोर्टल पर अपलोड करने के लिए कवायद शुरू हो गई है। पोर्टल पर अपलोड करने से पहले श्रमिकों के विवरण का जिला सेवायोजन अधिकारी और पुलिस से सत्यापन कराया जा रहा है। सेवायोजन विभाग अब तक 68 हजार श्रमिकों के विवरण का सत्यापन करा चुका है। सेवायोजन पोर्टल पर कामगारों का डाटा अपलोड करने का मकसद उन्हें सेवायोजित या रोजगार मुहैया कराना है। यह पोर्टल उन लोगों के लिए भी मददगार होगा जिन्हें इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर, कारपेंटर आदि की जरूरत होगी। ऐसे लोग पोर्टल पर अपने आसपास के क्षेत्र के इन कुशल कामगारों का विवरण देखकर उन्हें संपर्क कर सकते हैं। यह कामगार वाकई वह दक्षता रखते हैं जो पोर्टल पर प्रदर्शित की गई है, इसके लिए जिला सेवायोजन कार्यालय के जरिए उनकी दक्षता का सत्यापन कराया जा रहा है। विश्वसनीयता के लिहाज से पुलिस से भी उनका सत्यापन कराया जा रहा है। सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से डेढ़ लाख प्रवासी कामगारों को कॉल की गई थी। इनमें से 68 हजार कामगारों का डाटा सत्यापित हो चुका है।

स्वत: रोजगार के लिए सेवामित्र एप भी : प्रवासी श्रमिकों और प्रशिक्षित बेरोजगारों को स्वत: रोजगार के क्षेत्र में सेवायोजित कराने के उद्देश्य से प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय ने सेवा मित्र एप भी विकसित कराया है। इस ऐप के जरिए इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर, चाइल्ड केयर टेकर, कारपेंटर, वाशिंग मशीन मैकेनिक, कंप्यूटर रिपेयर, कुक, ड्राइवर, पैकर्स एंड मूवर्स, मोबाइल फोन रिपेयर, कार रिपेयर आदि 39 ट्रेनों में रोजगार की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी। इस एप का टेस्टिंग वर्जन गूगल प्ले स्टोर पर भी उपलब्ध है। सेवामित्र एप और पोर्टल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों लांच कराने की योजना है।

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