यूपी चुनाव 2022: लुभावने वादों के साथ आम आदमी पार्टी ने जारी किया घोषणा पत्र, नाम दिया 'आप का गारंटी पत्र'
UP Vidhan Sabha Election 2022 आप के यूपी प्रभारी संजय सिंह ने कहा कि भाजपा के पास कोई मुद्दा नहीं है और वह हिंदू -मुस्लिम को आपस में लड़ाकर चुनाव जीतना चाहती है। किसान गन्ना- गन्ना चिल्ला रहा है और भाजपा जिन्ना-जिन्ना की रट लगाए हुए हैं।
लखनऊ, जेएनएन। आम आदमी पार्टी (आप) ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का रण जीतने के लिए राज्य की जनता से कई लुभावने वादे किए हैं। गुरुवार को आप के यूपी प्रभारी व राज्य सभा सदस्य संजय सिंह ने घोषणा पत्र जारी किया। आप के इस गारंटी पत्र में सपा की तरह ही कर्मचारियों को लुभाने के लिए पुरानी पेंशन बहाली का वादा किया गया है। सरकार बनने पर आउटसोर्सिंग व संविदा कर्मियों को नियमित किया जाएगा। राजधानी में पार्टी के प्रदेश कार्यालय में उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि आप की सरकार बनते ही भ्रष्टाचार पर मजबूती से नकेल कसने के लिए लोकपाल बिल लागू किया जाएगा।
आप के घोषणा पत्र में दिल्ली की तरह ही यूपी में भी घरेलू उपभोक्ताओं को 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने, 24 घंटे बिजली देने, किसानों को मुफ्त बिजली और पुराने बिल माफ करने का वादा किया गया है। किसानों के पुराने कर्ज माफ होंगे और उनकी उपज का भुगतान 24 घंटे में करेंगे। एमएसपी की गारंटी देंगे। युवाओं को हर साल 10 लाख नौकरियां देने, बेरोजगारों को हर महीने पांच हजार रुपये बेरोजगारी भत्ता देने और 18 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को प्रति माह एक हजार रुपये भत्ता दिया जाएगा। महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा की सुविधा मिलेगी।
यूपी के बजट का 25 प्रतिशत हिस्सा शिक्षा पर खर्च किया जाएगा। दलित वोट बैंक को साधने के लिए स्कूलों में बाबा साहेब आंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान पढ़ाने का वादा किया है। संजय सिंह ने कहा कि हम प्राइवेट स्कूलों से बेहतर सरकारी स्कूलों को बनाएंगे। दिल्ली की तरह ही यूपी में भी प्राइवेट स्कूलों की मनमानी फीस पर ब्रेक लगाएंगे। संजय सिंह ने कहा कि चिटफंड घोटाला यूपी में बहुत बड़ा घोटाला है। इसके पीड़ितों को विशेष योजना बनाकर नुकसान की भरपाई करेंगे। भाजपा के पास कोई मुद्दा नहीं है। वह हिंदुओं व मुस्लिमों को आपस में लड़ाने के फिराक में है। किसान गन्ना-गन्ना बोल रहा है और भाजपा जिन्ना-जिन्ना। भाजपा के किसानों का अपमान किया है।
घोषणा पत्र में खास-खास