मार्क जुकरबर्ग सहित पांच के विरुद्ध राष्ट्रीय प्रतीकों के गलत प्रयोग का मामला दर्ज

अधिवक्ता का आरोप है कि अभियुक्तगण राष्ट्रीय प्रतीकों का प्रयोग कर न केवल अपना व्यापार बढ़ा रहे हैं बल्कि सस्ती लोकप्रियता के लिए धन कमा रहे हैं। 12 नवंबर को दर्ज होगा वादी का बयान।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Thu, 18 Oct 2018 08:20 AM (IST) Updated:Thu, 18 Oct 2018 08:48 AM (IST)
मार्क जुकरबर्ग सहित पांच के विरुद्ध राष्ट्रीय प्रतीकों के गलत प्रयोग का मामला दर्ज
मार्क जुकरबर्ग सहित पांच के विरुद्ध राष्ट्रीय प्रतीकों के गलत प्रयोग का मामला दर्ज

लखनऊ (जेएनएन)। कूट रचना एवं राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान करने का आरोप लगाकर फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग सहित पांच लोगों के विरुद्ध दायर परिवाद दर्ज कर वादी का बयान दर्ज किए जाने के लिए सीजेएम आनंद प्रकाश सिंह ने आगामी 12 नवंबर की तिथि नियत की है। अदालत के समक्ष यह परिवाद स्थानीय अधिवक्ता ओमकार ने फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग, सीईओ शेरिल कारा सैंडवर्ग, चीफ प्रोडक्ट आफीसर चेरिस कांक्स, फेसबुक इंडिया के सीईओ अजीत मोहन एवं मोका मीडिया लिमिटेड की निदेशक ची एडवड् र्स के विरुद्ध दायर किया है। परिवाद में आरोप लगाया गया है कि अभियुक्तों ने बिना किसी अधिकार के राष्ट्रीय प्रतीक एवं देश के राष्ट्रपति एवं अन्य मंत्रियों का लेटर पैड इस्तेमाल कर सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए कृत्य किया है।

अधिवक्ता का आरोप है कि मौका मीडिया की निदेशक ची एडवडर्स एक अप्लीकेशन चलाती है। जिसमें राष्ट्रीय प्रतीकों के साथ-साथ सत्यमेव जयते स्लोगन का प्रयोग बिना अधिकृत हुए किया जाता है। कहा गया है कि अभियुक्त इस अप्लीकेशन के जरिए ऐसे पत्र प्रेषित करते हैं जो यह दावा करता है कि वह पत्र भारत के राष्ट्रपति द्वारा एवं भारत सरकार द्वारा जारी किया गया है। परिषद के साथ राष्ट्रीय प्रतीकों का प्रयोग करते हुए ऐसे पत्रों का स्क्रीनशॉट दाखिल करके परिवादी ने कहा कि एडवड् र्स ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर भारत सरकार के गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय एवं अन्य मंत्रालय की पोस्ट का प्रयोग किया।

यह भी आरोप लगाया गया है कि अभियुक्तगण राष्ट्रीय प्रतीकों का प्रयोग कर न केवल अपना व्यापार बढ़ा रहे हैं बल्कि सस्ती लोकप्रियता के लिए धन कमा रहे हैं। जबकि उनको ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है। कहा गया है कि अभियुक्तों ने कूट रचना के साथ-साथ राष्ट्रीय प्रतीक का अपमान करके भावनाएं आहत की हैं। जिससे परिवादी को मानसिक पीड़ा हुई है।

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