उत्तर प्रदेश में 54 उद्योगों को मिली सैनिटाइजर बनाने की अनुमति, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दी एनओसी
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने औपचारिकता पूरी कर सभी उद्योगों को एनओसी दे दी है। इनमें 27 चीनी मिलें भी शामिल हैं जो पहली बार सैनिटाइजर बना रही हैं।
लखनऊ, जेएनएन। कोरोना संक्रमण ने उत्तर प्रदेश को सैनिटाइजर निर्माण के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना दिया है। अब उत्तर प्रदेश न सिर्फ अपनी जरूरतें पूरी कर रहा है बल्कि दूसरे प्रदेशों को भी सैनिटाइजर सप्लाई कर रहा है। लॉकडाउन के दौरान उत्तर प्रदेश के 27 जिलों के 54 उद्योगों को सैनिटाइजर बनाने की एनओसी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दी है। साथ ही गाजियाबाद व आगरा में पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) किट बनाने वाले एक-एक उद्योग भी लगे हैं।
कोरोना संक्रमण से पहले उत्तर प्रदेश में इक्का-दुक्का कंपनियां ही सैनिटाइजर बना रही थीं। इस कारण यूपी में जरूरत का सैनिटाइजर भी दूसरे प्रदेशों से आता था। शुरुआत में जब कोरोना वायरस ने अपने पैर पसारे तो बाजार में सैनिटाइजर की किल्लत हो गई। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सैनिटाइजर की इस किल्लत को प्रदेश में ही पूरा करने के निर्देश दिए। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी पहले से चल रहे उद्योगों को सैनिटाइजर बनाने के लिए केवल ऑनलाइन आवेदन कर निर्माण शुरू करने की इजाजत दे दी थी। इसी के तहत प्रदेश में 54 उद्योगों को सैनिटाइजर बनाने की इजाजत दी गई है। इन सभी ने निवेश मित्र पोर्टल पर आवेदन किया था।
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने औपचारिकता पूरी कर सभी उद्योगों को एनओसी दे दी है। इनमें 27 चीनी मिलें भी शामिल हैं जो पहली बार सैनिटाइजर बना रही हैं। इनमें करीब दो लाख लीटर प्रतिदिन से भी अधिक सैनिटाइजर बनाने की क्षमता है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने लॉकडाउन के दौरान ही गाजियाबाद व आगरा में पीपीई किट बनाने वाले दो उद्योगों को भी एनओसी दिया है। अभी तक प्रदेश में पीपीई किट का निर्माण नहीं होता था।