Ayodhya News: महाराष्ट्र की लकड़ी से बनेंगे राममंदिर के 42 दरवाजे, 40 फीसद से ज्यादा निर्माण कार्य पूरा

Ayodhya Ram Mandir महाराष्ट्र की सागौन की लकड़ी से राममंदिर के 42 दरवाजे बनेंगे। लकड़ी की खरीदारी जल्द पूरी की जाएगी। राम मंदिर तीन तल का होगा। इसके प्रत्येक तल पर 14-14 दरवाजे होंगे। मंदिर का 40 फीसद से ज्यादा निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Sep 2022 06:57 PM (IST) Updated:Sun, 25 Sep 2022 06:57 PM (IST)
Ayodhya News: महाराष्ट्र की लकड़ी से बनेंगे राममंदिर के 42 दरवाजे, 40 फीसद से ज्यादा निर्माण कार्य पूरा
Ayodhya Ram Mandir: राम मंदिर में लगने वाले दरवाजों के लिए लकड़ी की तलाश पूरी हो गई है।

Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या, [प्रवीण तिवारी]। राम मंदिर में लगने वाले दरवाजों के लिए लकड़ी की तलाश पूरी हो गई है। महाराष्ट्र के जंगलों के सागौन की लकड़ी खरीदी जाएगी। मंदिर में लगने वाले 42 दरवाजों के लिए तकरीबन एक हजार सात सौ घनफीट लकड़ी लगेगी। लकड़ी की खरीदारी जल्द पूरी किए जाने की संभावना है। महाराष्ट्र के कारीगर ही इन लकड़ियों से दरवाजे तैयार करेंगे। सूत्रों की मानें तो भगवान रामलला के मंदिर निर्माण का काम 40 फीसद से ज्यादा पूरा हो चुका है। 

मंदिर के प्रत्येक तल पर लगने वाले हर एक दरवाजे की माप नौ फीट ऊंची व सात फीट चौड़ी है। इन दरवाजों पर विशेष तरह की आकृतियां होंगी, जैसे कलश, सूर्य, चक्र, शंख, गदा और विविध फूल। राम मंदिर तीन तल का होगा। इसके प्रत्येक तल पर 14-14 दरवाजे होंगे। इस समय प्लिंथ का कार्य पूरा होने के साथ ही गर्भगृह के अतिरिक्त हिस्से में राजस्थान के गुलाबी गढ़े हुए पत्थरों से सुपर संरचना का निर्माण प्रारंभ हो गया है।

गर्भगृह में निर्मित किए जाने वाले छह खंभों का निर्माण भी शुरू है। ये मकराना के मार्बल से बनाया जा रहा है। मार्बल के खंभेनुमा पीस को एक दूसरे में जोड़कर तैयार किया जा रहा है। ये खंभे 19.3 फीट ऊंचे होंगे। ट्रस्ट के एक सदस्य ने बताया कि इसके अतिरिक्त मुख्य मंदिर के गर्भगृह में फर्श, मेहराब, रैलिंग, दरवाजे के फ्रेम सफेद मकराना मार्बल से ही तैयार किए जाएंगे। इनकी खरीद व गढ़ाई शुरू है।

11 लाख पंजाबी ईटें देंगी शीतलता : गर्भभगृह की दीवारों पर भीतर की ओर पंजाब की छिद्रयुक्त विशेष ईटें प्रयुक्त की जा रही हैं। इसमें 11 लाख ईटें लगेंगी। इसके प्रयोग से गर्भगृह में धूप का प्रभाव कम होगा और हमेशा ही शीतलता बनी रहेगी।

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