लाअो 31 लाख..दिला दूंगा मेडिकल कॉलेज में दाखिला, जालसाजों ने की डॉक्टर से ठगी

मोबाइल पर एक अंजान नंबर से मैसेज आया, जिसमें वर्ष 2016-17 में मैनेजमेंट कोटे के तहत मेडिकल कॉलेज में दाखिला कराने की बात लिखी थी। रिपोर्ट दर्ज।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Sun, 21 Oct 2018 09:43 AM (IST) Updated:Sun, 21 Oct 2018 04:09 PM (IST)
लाअो 31 लाख..दिला दूंगा मेडिकल कॉलेज में दाखिला, जालसाजों ने की डॉक्टर से ठगी
लाअो 31 लाख..दिला दूंगा मेडिकल कॉलेज में दाखिला, जालसाजों ने की डॉक्टर से ठगी

लखनऊ(जेएनएन)। हैदराबाद की एक डॉक्टर की बेटी का मैनेजमेंट कोटे से मेडिकल कॉलेज में दाखिला कराने के नाम पर जालसाजों ने उनसे 31 लाख रुपये ऐंठ लिए। पीड़िता की तहरीर पर पीजीआइ पुलिस ने दोनों आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। 

पीजीआइ इंस्पेक्टर के मुताबिक, हैदराबाद गुलमोहर पार्क निवासी डॉ. सविता सरकार एक अस्पताल में कार्यरत हैं। उनका आरोप है कि वर्ष 2016 में बेटी ऐश्वर्या ग्रोवर के मोबाइल पर एक अंजान नंबर से मैसेज आया, जिसमें वर्ष 2016-17 में मैनेजमेंट कोटे के तहत मेडिकल कॉलेज में दाखिला कराने की बात लिखी थी। चूंकि बेटी तैयारी कर रही थी, इसलिए संबंधित नंबर पर बात की गई। फोन रिसीव करने वाले व्यक्ति ने बताया कि वह डॉ. एसके उपाध्याय हैं। उन्होंने चार अप्रैल 2016 को लखनऊ बुलाया। डॉ. सविता ने कहा वह बेटी के साथ हजरतगंज स्थित एक होटल में रुकीं, जहां एसके उपाध्याय और राकेश गुप्ता से उनकी मुलाकात हुई।

एसके उपाध्याय ने बताया कि दाखिले के लिए 31 लाख और 42 हजार रुपये भवन निर्माण डोनेशन के रूप में देना होगा। इसके बाद उन्होंने बेटी के वास्तिवक शैक्षिक प्रमाणपत्र ले लिए। इसके कुछ दिन बाद फोन कर कहा कि मैनेजमेंट कोटे में कानपुर के एक मेडिकल कॉलेज में बेटी का दाखिला हो गया है। 12 सितंबर 2016 को वह फिर लखनऊ पहुंचीं। दोनों ने उनसे एक रजिस्टर पर साइन कराए और महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण की ओर से जारी पत्र दिया, जिसमें लिखा था कि ऐश्वर्या का मैनेजमेंट कोटे से एमबीबीएस में दाखिला हुआ है। इस पर विश्वास हो गया और उन्होंने 31 लाख रुपये दे दिए।

इसके बाद एसके उपाध्याय ने कहा कि जब क्लास शुरू होंगी तो आपको बताया जाएगा। डॉ. सविता ने बताया कि वह फिर बेटी के साथ हैदराबाद लौट गई। एक माह बीत जाने के बाद भी जब मेडिकल कॉलेज से फोन नहीं आया तो एसके उपाध्याय से संपर्क किया गया। इस पर वह टाल मटोल करने लगे। करीब डेढ़ साल तक टरकाते रहे। रुपयों की मांग की तो पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी देने लगे। इसके बाद पीजीआइ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। डॉ. एसके उपाध्याय की क्लीनिक तेलीबाग में थी और वह वृंदावन कॉलोनी में रहते थे।

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