नगर निगम ने खाली कराई 15 करोड़ की जमीन

जासं, लखनऊ : नगर निगम की जमीन को बेचने का धंधा रुक नहीं रहा है। सरोजनीनगर के अमौसी गांव में दस हजार

By JagranEdited By: Publish:Thu, 20 Jul 2017 01:00 AM (IST) Updated:Thu, 20 Jul 2017 01:00 AM (IST)
नगर निगम ने खाली कराई 15 करोड़ की जमीन
नगर निगम ने खाली कराई 15 करोड़ की जमीन

जासं, लखनऊ : नगर निगम की जमीन को बेचने का धंधा रुक नहीं रहा है। सरोजनीनगर के अमौसी गांव में दस हजार वर्गमीटर की जमीन पर अवैध कब्जा कर वहां प्लाटिंग चल रही थी। बुधवार को खाली कराई गई जमीन की कीमत करीब पंद्रह करोड़ रुपये आंकी गई है। हालांकि अभी बड़े हिस्से में जमीन खाली होना बाकी है, क्योंकि पैमाइश नहीं हो पाई है।

नगर निगम के तहसीलदार देशदीपक सिंह, सविता शुक्ला, कानूनगो सुरेश श्रीवास्तव समेत लेखपालों की टीम बुधवार को अमौसी गांव पहुंची। यहां पुलिस और जेसीबी की मदद से नगर निगम की जमीनों को खाली कराना शुरू कर दिया। विरोध के बीच पक्के निर्माणों, दीवार और पिलर को गिराया जाने लगा। करीब पांच घंटे चली कार्रवाई के दौरान सभी अवैध निर्माणों को ढहा दिया गया। इसमें 28 चहारदीवारी, पांच अ‌र्द्धनिर्मित भवन को गिराया गया। नगर आयुक्त उदयराज सिंह ने बताया कि नगर निगम की जमीनों को खाली कराने के लिए तेजी से अभियान चलाया जाएगा।

तहसीलदार देशदीपक सिंह ने बताया कि अवैध कब्जा करने वालों ने नगर निगम की जमीनों को कई लोगों को बेच दिया था। नगर निगम की जमीनों को बेचने वाले कानपुर रोड एलडीए कॉलोनी सेक्टर एच निवासी मोहम्मद अमीन के खिलाफ सरोजनीनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।

कहीं आपने तो नहीं खरीदी यह जमीन

खसरा नंबर 3354 क्षेत्रफंल 0.101, 3340 और 0.114 हेक्टेयर (नवीन परती में दर्ज) खसरा नंबर 3353 क्षेत्रफल 0.038 हेक्टेयर व खसरा नंबर 3358 क्षेत्रफल 0.202 हेक्टेयर (बंजर में दर्ज), खसरा नंबर नंबर 3349 क्षेत्रफल 0.215 हेक्टेयर व खसरा नंबर 3350 क्षेत्रफल 0.228 हेक्टेयर (तालाब में दर्ज) खसरा नंबर 3344 क्षेत्रफल 0.139 हेक्टेयर (ग्राम समाज में दर्ज)

लेखपाल के चालक की मिलीभगत

तहसील के एक लेखपाल के चालक के एक परिचित ने भी जमीन पर कब्जा कर रखा था। बताते हैं कि चालक की भूमिका भी जमीनों को कब्जा कराने में रही है।

..तो क्या सो रहा था नगर निगम

करोड़ों कीमत की जमीन पर अवैध निर्माण होता रहा, वह बेची जाती रही और नगर निगम महकमा सो रहा था। नगर निगम ने कार्रवाई भी तब की, जब प्रापर्टी डीलर अधिकांश जमीनों को बेंच चुके थे। ऐसे में वे लोग फंस गए हैं, जिन्होंने जमीन खरीदी।

नोट:::::::::

अगर आपको भी किसी प्रापर्टी डीलर ने नगर निगम की जमीन बेची है तो इस मेल पर अपनी शिकायत भेंजे

जमीन खरीदते समय रखें ध्यान

जमीन खरीदते वक्त यह जरूर देखें कि वह किसी खसरा नंबर में दर्ज है कि नहीं। रजिस्ट्री में सिर्फ प्लाट लिखा हो तो समझ लीजिए कि कुछ गड़बड कोई गड़बड़ी है। खसरा नंबर की भी नगर निगम से जांच करा लें कि जमीन कहीं नगर निगम के अभिलेखों में तो दर्ज नहीं है।

इसके अलावा जमीन की पड़ताल आवास विकास, एलडीए से भी करा लें कि कहीं उसका अधिग्रहण तो प्रस्तावित नहीं है। नगर निगम के अभिलेख से भी जमीन की जांच करा लें।

-जमीन का असली मालिक कौन है, इसकी जांच भी खतौनी से करा लें। नेट पर भूलेख साइट पर भी खसरा नंबर की जांच कर सकते हैं कि जमीन किसके नाम और किस श्रेणी में दर्ज है।

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