मंदिरों में होगा गुणगान, घरों में होगी कलश स्थापना

लखनऊ: मां दुर्गा के विविध स्वरूपों की पूजा-अर्चना कर उनसे आशीर्वाद लेने के पर्व नवरात्र को लेकर घरों

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Mar 2017 08:05 PM (IST) Updated:Mon, 27 Mar 2017 08:05 PM (IST)
मंदिरों में होगा गुणगान, घरों में होगी कलश स्थापना
मंदिरों में होगा गुणगान, घरों में होगी कलश स्थापना

लखनऊ: मां दुर्गा के विविध स्वरूपों की पूजा-अर्चना कर उनसे आशीर्वाद लेने के पर्व नवरात्र को लेकर घरों और मंदिरों में तैयारियां पूरी हो गई हैं। घरों में श्रद्धालु मंगलवार को कलश स्थापना के साथ पूजन शुरू कर देंगे, जबकि मंदिरों में बुधवार से मां का गुणगान शुरू होगा। प्रतिपदा की हानि को लेकर बनी असमंजस की स्थिति के चलते श्रद्धालु बुधवार को भी कलश स्थापना कर सकते हैं।

मंदिरों में मां के गुणगान के लिए तैयारियां पूरी हो गई हैं। छह अप्रैल तक हर दिन मंदिरों में मां का गुणगान होगा और हर दिन मां के विविध स्वरूपों की पूजा होगी। शास्त्रीनगर स्थित दुर्गा मंदिर में हर दिन अलग-अलग रंगों के फूलों और वस्त्रों से मां के दरबार को सजाया जाएगा। ठाकुरगंज स्थित मां पूर्वी देवी एवं महाकालेश्वर मंदिर में मां की प्रतिमा को फूलों से सजाने के साथ ही नव दंपतियों के दर्शन की अलग से व्यवस्था की गई है। मंदिर समिति के अध्यक्ष प्रमोद कुमार शुक्ला ने बताया कि शुभ कार्यो के लिए भक्त यहां आते हैं। सुबह छह से मध्याह्न 12 बजे तक विविध आयोजन होंगे। सुबह शाम आरती के साथ ही भक्तों की ओर से प्रसाद वितरण किया जाएगा। चौक के छोटी व बड़ी काली मंदिर में मेला लगेगा, जिसे लेकर तैयारियां पूरी हो गई हैं। कालीबाड़ी मंदिर, चौक की संतोषी माता मंदिर, टिकैतराय तालाब के मां शीतला मंदिर के साथ ही भुइयन देवी मंदिर हुसैनगंज व गणेश गंज के साथ ही राजधानी के सभी दुर्गा मंदिरों में पूजन की तैयारियां पूरी हो गई हैं।

मिट्टी का कलश श्रेयस्कर

एक ओर जहां मंदिरों में तैयारियां पूरी हो गई हैं वहीं घरों में कलश स्थापना को लेकर पूजन सामग्री और मां के लिए चुनरी की खरीदारी सोमवार को देर शाम तक होती रही। पं.राधेश्याम शास्त्री ने बताया कि 28 मार्च को मां के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा होगी। प्रतिपदा की हानि की वजह से अपराह्न 2:51 बजे से 29 की भोर में 5:45 बजे तक कलश स्थापना की जा सकती है। 6:01 बजे सूर्योदय होने के साथ ही द्वितीया लग जाएगी। चार को अष्टमी और नवमी पांच को मनाई जाएगी। कलश स्थापना के लिए मिट्टी या धातु के बने कलश में पानी और डाल में लगे आम के पत्तों के ऊपर ढक्कन रखकर उसमें चावल रखना चाहिए। मिट्टी के बने कलश की स्थापना श्रेयस्कर होती है। कलश के नीचे काली मिट्टी में जौ की बुआई करे और हर दिन उसमें पानी डालते रहें। नवरात्र पूरी होने तक वह उग आती है। वहीं दूसरी ओर आचार्य प्रदीप का कहना है कि 29 को कलश स्थापना के साथ पूजन शुरू किया जा सकता है।

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