हाइस्कूल के 106 परीक्षक गैरहाजिर, स्पष्टीकरण

ललितपुर ब्यूरो : जिला विद्यालय निरीक्षक वीरेन्द्र कुमार दुबे ने बुधवार को मूल्यांकन केन्द्र राजकीय इ

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Mar 2018 12:21 AM (IST) Updated:Thu, 22 Mar 2018 12:21 AM (IST)
हाइस्कूल के 106 परीक्षक गैरहाजिर, स्पष्टीकरण
हाइस्कूल के 106 परीक्षक गैरहाजिर, स्पष्टीकरण

ललितपुर ब्यूरो : जिला विद्यालय निरीक्षक वीरेन्द्र कुमार दुबे ने बुधवार को मूल्यांकन केन्द्र राजकीय इण्टर कॉलिज का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने मूल्यांकन के प्रत्येक कक्ष का जायजा लेकर मूल्यांकन कर्ताओं की उपस्थिति जानी तो पाया कि हाइस्कूल में तैनात 188 परीक्षकों के सापेक्ष 106 परीक्षक गैरहाजिर है। इसे गम्भीरता से लेते हुये परीक्षकों से स्पष्टीकरण तलब किया। साथ ही चेतावनी दी कि 22 मार्च को मूल्यांकन केन्द्र पर उपस्थित नहीं हुये तो वेतन रोकने की कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने परीक्षकों को शासन की मंशानुरूप कॉपियाँ जाँचने के निर्देश दिये।

माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित हाइस्कूल एवं इण्टरमीडिएट बोर्ड की परीक्षा समाप्त होने के बाद मूल्यांकन शुरू हो गया है। शहर स्थित राजकीय इण्टर कॉलिज को मूल्यांकन केन्द्र बनाया गया है, जहाँ सूबे के विभिन्न जनपदों से विभिन्न विषयों की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्याँकन किया जा रहा है। बताया गया कि इस बार 1 लाख 24 हजार 276 कॉपियाँ जाँची जायेंगी। इसमें हाइस्कूल की 77 हजार 194 और इण्टरमीडिएट की 47 हजार 82 कॉपियाँ जाँची जायेंगी। उत्तरपुस्तिकाओं की जाँच का समय 31 मार्च तक का समय निर्धारित किया गया है। कॉपियाँ जाँचने के लिये 32 उपप्रधान परीक्षक और 248 परीक्षक नियुक्त किये गये है। मूल्यांकन का कार्य 17 मार्च से शुरू हो गया था। बुधवार को पाँचवें दिन जिला विद्यालय निरीक्षक वीरेन्द्र कुमार दुबे औचक रूप से राजकीय इण्टर कॉलिज पहुँचे और उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का जायजा लिया। इस दौरान वह प्रत्येक कक्ष में गये और मूल्यांकन कार्य की जानकारी ली। उन्होंने मूल्यांकित कॉपियों के बारे में उपनियन्त्रक राजेन्द्र त्रिपाठी से जानकारी ली। उन्होंने बताया कि हाइस्कूल में अब तक 11 हजार 539 कॉपियों का मूल्यांकन हो चुका है तो इण्टरमीडिएट में -5 हजार 268 कॉपियाँ जाँची जा चुकी है। उन्होंने परीक्षकों और उपप्रधान परीक्षकों की उपस्थिति की जानकारी ली तो पाया कि कई परीक्षक और उपप्रधान परीक्षक गैरहाजिर है।

इस दौरान उन्होंने पाया कि हाइस्कूल में 188 की तैनाती के सापेक्ष 106 परीक्षक गैरहाजिर व 82 परीक्षक उपस्थित है। परीक्षक बनाये गये श्री मर्दन सिंह इण्टर कॉलिज के शिक्षक करूणेश कुमार और रामप्रकाश अनन्त से दूरभाष पर चर्चा की तो उन्होंने बताया कि वह मेडिकल अवकाश पर है। इस पर नाराजगी जताते हुये डीआइओएस ने दोनों शिक्षकों को 22 मार्च को सुबह 9 बजे मूल्याँकन केन्द्र पर उपस्थित हों, ताकि उन्हे मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय भेजकर स्वास्थ्य का परीक्षण कराया जाये। जिला विद्यालय निरीक्षक ने गैरहाजिर परीक्षकों और उपप्रधान परीक्षकों से स्पष्टीकरण तलब करते हुये चेतावनी दी कि 22 मार्च तक मूल्यांकन केन्द्र पर उपस्थित हों। अन्यथा की स्थिति में वेतन रोकने की कार्यवाही अमल में लाई जायेगी। वहीं उपनियन्त्रक मूल्यांकन केन्द्र को पत्र जारी करते हुये निर्देशित किया शासन की मंशानुरूप वेबसाइट पर परीक्षकों की उपस्थिति तथ उत्तर पुस्तिकाओं की मूल्यांकन की प्रगति नियमित रूप से अपलोड करने के निर्देश दिये। साथ ही परीक्षकों की शत-प्रतिशत उपस्थिति के भी निर्देश दिये। उन्होंने परीक्षकों को शासन की मंशानुरूप कॉपियों का मूल्यांकन करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि शिक्षक पूर्ण मनोयोग और निष्पक्षता के साथ उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करे। उन्होंने बताया कि मूल्यांकन में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी।

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10वीं में किस विषय में कितने परीक्षक मिले गैरहाजिर

हाइस्कूल में कॉपियाँ जाँचने के लिये 188 परीक्षकों की तैनाती की गई है। डीआइओएस ने निरीक्षण के दौरान जब गैरहाजिर परीक्षकों की सूची तैयार कराई तो पाया कि 106 परीक्षक गैरहाजिर मिले जबकि 82 परीक्षक ही कॉपियाँ जाँचने मूल्यांकन केन्द्र पहुच रहे है। सबसे ज्यादा गैरहाजिर परीक्षक विज्ञान विषय के है। इस विषय के 67 परीक्षक तैनात किये गये जिनमें से 19 परीक्षक उपस्थित व 48 परीक्षक अनुपस्थित है। इसके अलावा सामाजिक विज्ञान के 40 के सापेक्ष 17 परीक्षक उपस्थित व 23 अनुपस्थित है। हिन्दी विषय के 11 परीक्षक उपस्थित 9 अनुपस्थित, संस्कृत के 7 उपस्थित 5 अनुपस्थित, अंग्रेजी के 6 उपस्थित 9 अनुपस्थित, गणित के 9 उपस्थित 2 अनुपस्थित, गृह विज्ञान के 2 उपस्थित 3 अनुपस्थित, प्राथमिक गणित के 1 उपस्थित व 1 अनुपस्थित, वाणिज्य में 1 उपस्थित, कला में 5 उपस्थित व 5 अनुपस्थित तथा कृषि विषय में एकमात्र परीक्षक उपस्थित मिला। इस प्रकार हाइस्कूल में नियुक्त 188 परीक्षकों में से 106 गैरहाजिर व 82 परीक्षक उपस्थित हुये।

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ललितपुर : कोठार का जायजा लेते डीआइओएस।

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कोठार का भी लिया जायजा

जिला विद्यालय निरीक्षक वीरेन्द्र कुमार दुबे मूल्यांकन केन्द्र का निरीक्षण करने के दौरान कोठार भी पहुँचे और अब तक जाँची गई कॉपियों के बारे में कोठारियों से जानकारी ली। उन्होंने कोठार में तैनात शिक्षकों से हाइस्कूल और इण्टरमीडिएट में मूल्यांकन को आई कॉपियों की संख्या की भी जानकारी ली और निर्देशित किया कि रोजाना मूल्यांकित कॉपियों की संख्या का विवरण रखा जाये।

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मूल्यांकन अवधि 2 घण्टे बढ़ाई

उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन 17 मार्च से शुरू होकर 31 मार्च को समाप्त होगा। अब तक 16 हजार 807 कॉपियों का मूल्यांकन हो चुका है। जबकि शेष 10 दिन में 1 लाख 7 हजार 469 कॉपियों का मूल्याँकन होना बाकी है। जिला विद्यालय निरीक्षक ने मूल्यांकन का समय दो घण्टे और बढ़ा दिया है। अब तक सुबह 10 से शाम 5 बजे तक कॉपियों को जाँचा जा रहा था, लेकिन अब सुबह 9 से शाम 6 बजे तक उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया जायेगा। इतना ही नहीं, जनपद में संचालित राजकीय इण्टर कॉलिज, राजकीय बालिका इण्टर कॉलिज और राजकीय हाइस्कूल के ऐसे शिक्षक जो परीक्षक नहीं बनाये गये है उन्हे 22 मार्च को मूल्यांकन केन्द्र पर उपस्थिति दर्ज कराने के निर्देश दिये है।

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कम्पाईल खबर-

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ललितपुर : धूप में धरना प्रदर्शन करते वित्त विहीन शिक्षक।

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ते़ज धूप में भी धरने पर डटे वित्त विहीन शिक्षक

ललितपुर : माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक महासभा के बैनर तले वित्त विहीन शिक्षक तेज धूप होने के बाद भी मूल्यांकन केन्द्र जीआइसी के बाहर सड़क किनारे धरने पर डटे हुये है। पाँचवें दिन स्याद्वाद वर्णी इण्टर कॉलिज गदयाना के प्रधानाचार्य महेन्द्र कुमार जैन ने कहा कि संगठन को गति देने के लिये शिक्षक समय से उपस्थित हों और मूल्यांकन का बहिष्कार करते हुये सरकार से अपनी नीति को बदलने के लिये संघर्ष जारी रखें। इस दौरान राजेन्द्र प्रसाद मिश्र, मुकेश कुमार तिवारी, महेन्द्र कुमार जैन, यज्ञदेव नायक, परमानन्द द्विवेदी, बृजमोहन वैध, जुनैद खाँ मंसूरी, भूपेन्द्र कुमार चौरसिया, संगीता, शालिनी, सोनम तोमर, केदारनाथ, शरद स्वामी, चन्द्रप्रकाश, कमलेश नामदेव, कमलेश विश्वकर्मा, सुरेश कुमार सोनी, गुरुप्रताप सिंह, नितिन शर्मा, विजय उपाध्याय, राजेश शुक्ला, रामबाबू पटैरिया, अनन्तराम सिंह, विजय कुमार मिश्र, कल्पना जैन, मीना जैन, राजेश पुरोहित, धीरज कश्यप, मुकेश दीक्षित, सत्येन्द्र झाँ, गोलू महाराज, प्रमोद पुरोहित, कृष्ण प्रताप सिंह बुन्देला, केपी बुन्देला, आरएस बुन्देला, राजकुमार जक, जीवनलाल साहू, कीर्ति मिश्रा, के. सविता, महेश श्रीवास्तव, कालूराम नामदेव, राघवेन्द्र सेंगर, आकाश तिवारी मौजूद रहे।

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