सर्दी ने दी दस्तक फिर भी नहीं जले अलाव

दी के साथ ठिठुरन बढ़ने लगी है लेकिन प्रशासन अब तक अलाव जलाने की व्यवस्था नहीं कर सका है। रेलवे स्टेशन बस स्टेशन मुख्य चौराहा आदि पर जरूरतमंद तबके के साथ मजदूरों को ठिठुरते देखा जा रहा है लेकिन प्रशासन ने अब तक यह व्यवस्था नहीं की है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 12 Dec 2019 10:48 PM (IST) Updated:Fri, 13 Dec 2019 06:04 AM (IST)
सर्दी ने दी दस्तक फिर भी नहीं जले अलाव
सर्दी ने दी दस्तक फिर भी नहीं जले अलाव

लखीमपुर: ठंड बढ़ने की मौसम वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी के साथ सर्दी बढ़ गई। पूरे दिन बादल व कोहरा छाया रहा जिससे गलन भी शुरू हो गई। ठंड बढ़ने के बाद भी अभी प्रशासन की तरफ से उससे बचाव के कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। रैन बसेरा बना तो दिया गया है, लेकिन उसमें ताला पड़ा है। अलाव अभी जले नहीं हैं और कंबल बांटने की शुरुआत नहीं हो सकी है।

बिजुआ : सत्र की सर्दी की पहली दस्तक गुरुवार को दिखाई दी। कड़ाके की ठंड ने लोगों को अपने आने का अहसास करा दिया। सुबह से ही बादल छाए रहने के साथ ही गलन व शाम के समय बिजुआ क्षेत्र में हल्की बूंदाबांदी भी हुई। भरी ठंड के साथ चलती ठंडी हवाओं ने लोगों को ठिठुरने पर मजबूर कर दिया। सुबह के समय सड़कों पर भी सन्नाटा पसरा रहा। सुबह होते ही घर से बाहर निकलने में लोग ठंड के कारण कांपते दिखे। दिनभर सूर्य देवता के दर्शन नहीं होने के कारण खासकर घरेलू महिलाएं परेशान दिखीं।

भीरा: दिसंबर माह आधा बीतने पर है जिसमें सर्दी के साथ ठिठुरन बढ़ने लगी है, लेकिन प्रशासन अब तक अलाव जलाने की व्यवस्था नहीं कर सका है। रेलवे स्टेशन बस स्टेशन मुख्य चौराहा आदि पर जरूरतमंद तबके के साथ मजदूरों को ठिठुरते देखा जा रहा है, लेकिन प्रशासन ने अब तक यह व्यवस्था नहीं की है।

गौरीफंटा: मौसम के बदले मिजाज के चलते ठंड ने पैर पसार लिए हैं। अंतरराष्ट्रीय सीमा से रोज हजारों लोगों का आवागमन भी होता है। सैकड़ों मरीज अपनी आंख का आपरेशन करा कर आते जाते हैं। घंटों बसों के इंतजार में ठिठुरते रहते हैं। यहां अलाव की कोई व्यवस्था नहीं हैं। हां इतना जरूर है कि सरकारी कार्यालयों में आग जरूर जलती देखी जाती है।

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