ट्रेन में चेन पुलिंग की बढ़ रही घटनाएं

By Edited By: Publish:Sun, 27 Jul 2014 10:01 PM (IST) Updated:Sun, 27 Jul 2014 10:01 PM (IST)
ट्रेन में चेन पुलिंग की बढ़ रही घटनाएं

लखीमपुर: मैलानी-गोंडा रेल प्रखंड पर तिकुनिया से मझरा के मध्य रेल यात्रियों द्वारा चेन पुलिंग की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। इससे यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, साथ ही कभी भीषण दुर्घटना भी हो सकती है। इसके बावजूद रेल अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। इसका खामियाजा रेल यात्री भुगत रहे हैं। शनिवार को चेन पुलिंग के कारण तिकुनिया के समीप ट्रेन के पहिये जाम होने के बाद बाधित रहा रेल यातायात इसका जीता जागता प्रमाण है।

मैलानी-गोंडा रेल प्रखंड पर तिकुनिया व मझरा पूरब रेलवे स्टेशन के बीच यात्रियों द्वारा चेन खींचकर ट्रेन रोकने की घटनाएं आम होती जा रही हैं। प्रत्येक अमावस्या के पहले दिन से लेकर अगले दिन तक चेन खींचकर तिकुनिया-खैरटिया हाल्ट स्टेशन के मध्य गुरुद्वारा के पास ट्रेन को रोकने की प्रवृत्ति यात्रियों के स्वभाव में घुल चुकी है, जबकि तिकुनिया स्टेशन मास्टर भागीरथ की मानें तो चेन पुलिंग कर गाड़ी को रोकने से भीषण दुर्घटना तक हो सकती है। उन्होंने बताया कि जिस तरह मनुष्य को जीने के लिए सांस की जरूरत होती है उसी प्रकार पूरी रेलगाड़ी को चलने के लिए हवा की जरूरत होती है। चेन पुलिंग करने से हवा का प्रेशर निकल जाता है, जिससे ब्रेक स्वत: जाम हो जाते हैं। ट्रेन को पुन: चलाने के लिए हवा के लीक प्वाइंट को बंद किया जाता है। वेक्यूम चैंबर को रिलीज करना पड़ता है, तभी ब्रेक छूट पाते हैं। हवा का प्रेशर बढ़ने पर ट्रेन पुन: आगे बढ़ती है। उन्होंने बताया कि चेन पुलिंग से रेल के डिब्बे भी अलग हो सकते हैं, क्योंकि इंजन बार-बार आगे खींचता है। बार-बार चेन पुलिंग करने से ब्रेक बाइंडिंग तक हो जाता है। शनिवार को तिकुनिया व मझरा रेलवे स्टेशन के मध्य ट्रेन के इंजन के पहियों में ब्रेक बाइंडिंग के कारण ट्रेन खड़ी हो गई थी। तिकुनिया स्टेशन मास्टर ने कई बार चेन पुलिंग होने की पुष्टि की थी।

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