दुधवा के नन्हे गैंडा शावकों की जान पर बाघ का खतरा बरकरार

-गैंडा फेज-2 एरिया में रहते हैं चार बाघ बना ली है टेरेटरी

By JagranEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 11:34 PM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 11:34 PM (IST)
दुधवा के नन्हे गैंडा शावकों की जान पर बाघ का खतरा बरकरार
दुधवा के नन्हे गैंडा शावकों की जान पर बाघ का खतरा बरकरार

हरीश श्रीवास्तव,लखीमपुर : दुधवा टाइगर रिजर्व के बेलराया रेंज के भादी ताल क्षेत्र में बने गैंडा फेज-2 में जन्मे दो नन्हे शावकों की जान के लिए खतरा बरकरार है। इस क्षेत्र व आसपास के इलाकों को लेकर चार बाघों ने अपनी टेरेटरी बना ली है और बराबर वहा देखे जा रहे है। गैंडा शावकों की निगरानी टीम ने भी उन्हे देखा है और ड्रोन कैमरे में भी उनकी तस्वीरें कैद हुई है। दुधवा के गैंडों को अनुवांशिक बीमारी से बचाने के लिए शुरु किए गए गैंडा फेज-2 में दो सप्ताह पहले मादा गैंडा कल्पना व रोहणी ने अलग अलग बच्चे को जन्म दिया है। कुछ दिनों के अंतराल पर एक साथ दो बच्चों के जन्म से पार्क के अधिकारी काफी खुश हैं लेकिन दोनों बच्चों की सुरक्षा को लेकर वे फिक्रमंद भी हैं। दोनों गैंडा शावकों की सुरक्षा के लिए पार्क कर्मियों के साथ चार हाथियों को लगाया गया है। इसके अलावा उनके रहने के स्थान के आसपास कई कैमरे भी लगाए गए है साथ ही ड्रोन कैमरे से भी उनकी निगरानी की जा रही है। अभी तक सब कुछ ठीक भी है लेकिन दोनों गैंडा शावकों की जान पर खतरा बरकरार है। इसका कारण उस एरिया में रहने वाले बाघ है। इन बाघों ने गैंडा फेज-2 एरिया को शामिल करते हुए उसके आसपास के एरिया को अपनी टेरेटरी बना ली है और उसी इलाके में देखे जा रहे हैं। बाघों का उस इलाके में स्थाई रुप से मौजूद रहना गैंडा शावकों के लिए खतरनाक है। उस हालत में यह और भी चितनीय हो जाता है जब कुछ माह पहले ही पेज-2 में एक गैंडा शावक की संदिग्ध मौत हो चुकी है। हालांकि गैंडा शावक की मौत बाघ के हमले में नहीं हुई थी पर अनुमान था कि बाघ के डर से शावक की मां बच्चे को छोड़कर अलग हो गई थी जिसके बाद बचाव में शावक दलदल में फंस गया था और उसकी मौत हो गई थी। अमूमन बाघ गैंडे व हाथी का शिकार नहीं करते हैं लेकिन इनके बच्चों को कभी कभार बाघ मार देता है। ऐसा तब होता है जब कोई बाघ राइनोईटर हो जाता है। गैंडा फेज-1 में भी पहले ऐसा हो चुका है। फेज-1 में रहने वाला बाघ कई बार गैंडों के बच्चों के साथ वयस्क गैंडों पर भी हमला कर देता था। एक वयस्क मादा गैंडे की बाघ के हमले में मौत भी हो चुकी है। कई गैंडा शावक भी बाघ का निवाला बन चुके हैं। क्या कहते हैं जिम्मेदार

मुख्य वन संरक्षक व दुधवा के फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक ने बताया कि गैंडा फेज-2 में चार बाघों की उपस्थिति दर्ज की गई है। जंगल में हर समय सभी जीवो के लिए खतरा रहता है। हालांकि अभी तक निगरानी में किसी बाघ को गैंडा शावकों पर घात लगाते या उसकी घेराबंदी करते नहीं देखा गया है। जब तक ऐसा नहीं होता है तबतक खतरा कम है।

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