दुधवा में पाया गया दुर्लभ रेड कोरल प्रजाति का सांप

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By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Feb 2019 11:00 PM (IST) Updated:Tue, 19 Feb 2019 11:00 PM (IST)
दुधवा में पाया गया दुर्लभ रेड कोरल प्रजाति का सांप
दुधवा में पाया गया दुर्लभ रेड कोरल प्रजाति का सांप

लखीमपुर : विश्व विख्यात दुधवा टाइगर रिजर्व एक बार फिर चर्चा में है। यहां पर दुर्लभ प्रजाति का सांप रेड कोरल कुकरी (वैज्ञानिक नाम-ओलीगोडन खेरीयेन्सिस) पाया गया है। सालों पहले ये सांप दुधवा में अच्छी संख्या में पाए जाते थे, लेकिन बाद में वे लुप्त हो गए। विशेषज्ञों का कहना है कि खीरी जिले में 83 सालों के बाद इस प्रजाति का सांप नजर आया है जो अच्छी खबर है। दुधवा में एम स्ट्रिप ऐप पर आधारित पेट्रो¨लग लगातार की जा रही है और इसी पेट्रो¨लग के दौरान दुर्लभ प्रजाति का सांप नजर आया। सोनारीपुर रेंज में गश्त कर रेंज अधिकारी गिरधारी लाल, वायरलेस ऑपरेटर अशोक कुमार, फारेस्टर अशोक कुमार को जंगल के मध्य से निकली रेलवे लाइन के पास एक दुर्लभ प्रजाति का सांप नजर आया। जिसकी तस्वीरें तुरंत ही रेंज अधिकारी ने उतारनी शुरू कर दी। जिसके आधार पर इस सांप की पहचान दुर्लभ प्रजाति के रेड कोरल कुकरी के रूप में विशेषज्ञों द्वारा की गई।

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कैसा होता है रेड कोरल का स्वभाव

रेड कोरल प्रजाति का सांप शर्मीले स्वभाव को होता है। यह सांप जहरीला नहीं होता है और न ही जल्दी काटता है। यह रात्रि में ज्यादा एक्टिव होता है और खुले रहना पसंद करता है। बहुत ठंड होने व बरसात के समय चूहे के बिल या पेड़ आदि में बने सुरक्षित जगह में रहता है। यह कोबरा की तरह फन भी नहीं निकाल सकता है। छोटे छोटे कीड़े व अन्य रेंगने वाले कीड़े इसका भोजन होते है।

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वर्ष 1936 में खीरी में दिखा था रेड कोरल

खीरी जिले में यह सांप 1936 में नजर आया था। उसके बाद दुधवा या फिर आस पास के जंगलों में इस प्रजाति का सांप देखने को नहीं मिला। हालांकि 2012 में कतर्निया फाउंडेशन के फजलुर्रहमान ने बहराइच स्थित कतर्नियाघाट जंगल में इसको देखा था और उसकी फोटो खींच कर रिपोर्टिंग की थी। अब इसे दुधवा में भी देखे जाने की बात सामने आई है। सांप ढूंढने वाली टीम होगी सम्मानित

डिप्टी डायरेक्टर महावीर कौजलगि ने बताया कि आधुनिक तकनीक का सहारा लेकर दुधवा जंगल की गश्त की जा रही है। इसी दौरान गस्ती टीम ने दुर्लभ रेड कोरल प्रजाति का सांप देखा। यह सांप खीरी जिले में 83 साल बाद देखा गया है। उन्होने बताया कि रेड कोरल प्रजाति के और सांपों को ढ़ूढ़ने के लिए किसी संस्था को रिसर्च करने की सलाह भी दी जाएगी। साथ ही जल्द ही दुर्लभ प्रजाति के सांप को ढूंढने वाली टीम को सम्मानित किया जाएगा।

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