मरीजों को ठंड से बचाने के उपाय नहीं

पूरा जिला कड़ाके की ठंड का सितम झेल रहा है। शीतलहरी और गलन से सभी का हलकान हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 02 Feb 2021 11:04 PM (IST) Updated:Tue, 02 Feb 2021 11:04 PM (IST)
मरीजों को ठंड से बचाने के उपाय नहीं
मरीजों को ठंड से बचाने के उपाय नहीं

लखीमपुर : पूरा जिला कड़ाके की ठंड का सितम झेल रहा है। शीतलहरी और गलन से सभी का हाल-बेहाल है लेकिन, जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों को ठंड नहीं लगती। ये तब साफ हुआ, जब दैनिक जागरण की टीम जिला अस्पताल में ऑन द स्पॉट पहुंची। सुबह के वक्त महिला अस्पताल और जिला अस्पताल में मरीज ठंड से ठिठुरते दिखे। अपने निजी कंबल, रजाई, गद्दे के साथ भर्ती मरीजों के वार्डों में कहीं कोई हीटर की व्यवस्था नहीं दिखी। जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड व अन्य ऐसे वार्ड, जिनमें बच्चे भर्ती थे, वहां तो हीटर दिखे। इसके अलावा पूरे अस्पताल में ठंड से बचाव का कोई इंतजाम नहीं दिखा। इक्का-दुक्का अलाव जलते जरूर दिखे। इसके अलावा सुबह के वक्त भीड़ कम होने से पर्चा काउंटर पर भी दो-चार लोग ही खड़े दिखाई दिए। फोटो समेत आंखों देखी ²श्य एक : समय, सुबह 10 बजे

स्थान --जिला अस्पताल जिला अस्पताल का परिसर सुबह के वक्त काफी खामोश दिखाई दिया। 10-12 मरीज पर्चा काउंटर पर खड़े पर्चा बनवा रहे थे। इमरजेंसी ओपीडी में पूरा सन्नाटा पसरा था। इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर डॉ. सुजीत कुछ लिखा-पढ़ी कर रहे थे। यहां के इमरजेंसी वार्ड में मरीज अपने निजी रजाई, कंबल के दम पर कोहरे, पाले में ठंड से राहत पा रहे थे। अस्पतालों के पतले कंबल कहीं दिखाई नहीं दिए। बच्चा वार्ड में सिर्फ दो बच्चे भर्ती थे। इमरजेंसी वार्ड में अपनी भतीजी का इलाज करा रहे मो. अहमद का कहना था कि जिला अस्पताल की तरफ से कोई हीटर नहीं लगाया गया है। यहां भर्ती रामकेवल के पुत्र अनुज ने बताया कि अपना निजी हीटर लाए थे, वह भी अब हटा लिया है। सर्जिकल वार्ड में भर्ती रागिनी बताती हैं कि सुबह-शाम दोनों वक्त दवा तो मिलती है। वार्ड आठ

बेड 167

चिकित्सक 26 फार्मासिस्ट 11

पैरामेडिकल स्टाफ 200

²श्य दो समय: 10:45स्थान : जिला महिला अस्पताल

जिला महिला अस्पताल में भी कोहरे पाले में अलाव की व्यवस्था नहीं थी। वार्डों के अंदर कहीं हीटर नहीं था। डॉ. अंजली वर्मा, डॉ. अभिषेक साहू महिला मरीजों को देखकर उन्हें दवाएं लिख रहे थे। अस्पताल के सभागार में जांच कराने आई महिलाएं भी ठिठुरती दिखाई दीं। यहां भी पर्चा काउंटर पर ठंड के कारण कोई भीड़ न होने से महिलाएं आसानी से पर्चा बनवा रही थीं। महिलाओं के वार्ड के आगे भी सन्नाटा पसरा था। मुख्य द्वार पर आने वाले लोगों को सिपाही पार्किंग के लिए निर्देशित कर रहे थे। महिला अस्पताल

वार्ड --चार

बेड --50

डॉक्टर 13

फार्मासिस्ट-08

पैरामेडिकल -120 जिला अस्पताल में बच्चा वार्ड तथा कुपोषण वार्ड में बच्चों के लिए हीटर लगाया गया है। इसके अलावा मरीजों के लिए कोई अलग व्यवस्था नहीं होती है। अन्य कोई मरीज चाहे तो अपने हीटर लगा सकता है। डॉ.आरसी अग्रवाल, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, जिला अस्पताल हीटर की व्यवस्था सिर्फ बच्चों के वार्ड में होती है, जहां आइसीयू है। इसके अलावा यदि कोई महिला चाहे तो अपने बेड के पास हीटर लगवा सकती है, लेकिन प्रशासनिक तौर पर ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। डॉ. नसरीन, सीएमएस,

महिला अस्पताल

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