नाश्ता किया, भाषण हुए, खाना खाया, बस हो गया प्रशिक्षण

मंगलवार को ब्लाक सभागार में ग्राम प्रधानों का परिचय और प्रशिक्षण का आयोजन था।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 10:52 PM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 10:52 PM (IST)
नाश्ता किया, भाषण हुए, खाना खाया, बस हो गया प्रशिक्षण
नाश्ता किया, भाषण हुए, खाना खाया, बस हो गया प्रशिक्षण

लखीमपुर : मंगलवार को ब्लाक सभागार में ग्राम प्रधानों का परिचय और प्रशिक्षण का आयोजन था। मुख्य अतिथि थे विधायक बाला प्रसाद अवस्थी और आयोजन की जिम्मेदारी बीडीओ नीरज दुबे की थी। ऐसे ब्लाक स्तरीय आयोजनों पर भारी भरकम खर्च भी आवंटित होता है, इसमें भी था लेकिन, आयोजकों ने आयोजन के मूल उद्देश्य को ही ठेंगा दिखा दिया। ब्लाक में 49 ग्राम प्रधान हैं। इनमें 29 महिला हैं। जब कार्यक्रम शुरू हुआ तो सामने पड़ी कुर्सियों में अधिकांश खाली थीं। कुल 20 - 25 लोग सामने थे जिनमें बमुश्किल 10 प्रधान थे। इसमें भी सिर्फ छह महिलाएं थीं। मतलब साफ है कि आयोजन में प्रधानों को लाने के प्रयास तो नाकाफी थे ही, खासकर महिला प्रधानों की अनदेखी उनके घरवालों के साथ जिम्मेदार अधिकारियों ने भी जमकर की लेकिन, आयोजन हुआ, भाषण हुए और प्रशिक्षण से ज्यादा सरकार की उपलब्धियां बताई गईं। जिले से तीन प्रशिक्षक आए थे जिनमें दो महिलाएं थीं। अब इन लोगों ने किसको क्या प्रशिक्षण दिया ये तो वह खुद जानें या खुदा। बहरहाल भीड़ काफी थी। इस भीड़ में कुछ तो इसलिए थे कि विधायक जी आये हैं। बाकी गांवों में इंडिया मार्का नलों की रिबोरिग करने वाले, ग्राम पंचायत अधिकारियों के मुंशी, घर की महिला अथवा नौकर के नाम से प्रधानी करने वाले इस भीड़ का हिस्सा थे। नाश्ता बंटा, खाना बना, सैकड़ों ने खाया और चलते बने। बीडीओ साहब इस सफल (?) आयोजन पर अपनी पीठ थपथपा रहे थे और आयोजन का उद्देश्य पा‌र्श्व में आंसू बहा रहा था। आठ गन्ना पर्यवेक्षकों के प्रकरण में चार होंगे निस्तारित जिले के इन पर्यवेक्षकों के विरुद्ध शासकीय कार्यों में लापरवाही, सर्वे कार्य में अनियमितता, भूमिहीन एवं अन्य नियम विरुद्ध सट्टा संचालन के आरोप में कार्रवाई लंबित थी।

जांच में गन्ना पर्यवेक्षको के विरुद्ध आरोप सिद्ध पाए गए थे। जिला गन्ना अधिकारी ने बताया कि लघु दंड के साथ इनके मामले के निस्तारण की प्रक्रिया विभागीय स्तर पर चल रही है। डीसीओ ने कहा कि भ्रष्ट कर्मचारी बख्शे नहीं जाएंगे। उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसी भी निर्दोष कार्मिक को दंडित नहीं किया जाएगा। डीसीओ ने बताया कि गन्ना आयुक्त ने प्रदेश के 56 गन्ना पर्यवेक्षकों के विरुद्ध आरोप सिद्ध पाए जाने की वजह से उन्हें लघु एवं वृहद दंड देते हुए अनुशासनिक कार्यवाही का निस्तारण किया गया है। इसमें खीरी जिले के भी आठ मामले शामिल हैं। विभाग को शासकीय कार्यों में लापरवाही, सर्वे कार्य में अनियमितता, सट्टा नीति का उल्लंघन, विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही, मृतक, भूमिहीन एवं अन्य अनियमित सट्टों के नियम विरुद्ध संचालन संबंधी तथा अन्य आरोपों में गन्ना पर्यवेक्षकों के विरुद्ध गन्ना किसानों व अन्य माध्यमों से शिकायतें प्राप्त हुई थी।

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