गन्ने की खेती में इतिहास रच रहे धर्मपाल

गन्ना उत्पादन में धर्मपाल को मिला सूबे में दूसरा स्थान

By JagranEdited By: Publish:Tue, 10 Nov 2020 12:01 AM (IST) Updated:Tue, 10 Nov 2020 12:01 AM (IST)
गन्ने की खेती में इतिहास रच रहे धर्मपाल
गन्ने की खेती में इतिहास रच रहे धर्मपाल

लखीमपुर : पिता की खेती किसानी की विरासत को संभाल रहे गन्ना उत्पादन करने वाले किसान धर्मपाल मौर्य को उत्तर प्रदेश में दूसरा स्थान मिला है। गन्ना विभाग उन्हें पुरस्कृत करेगा। ज्यादातर किसान खेती से परेशान हैं, वो मजबूरी में खेती कर रहे, क्योंकि उन्हें लगातार घाटा हो रहा है लेकिन, कुछ किसान हैं, जिन्होंने अपनी खेती का तौर तरीका बदला, खेती में नए प्रयोग किए और वो खेती से ही पैसा भी कमा रहे हैं।

रमियाबेहड़ ब्लॉक के लखनपुरवा गांव के धर्मपाल लखीमपुर जिले के एक ऐसे ही किसान हैं। उन्होंने प्रति हेक्टेयर 2517 क्विंटल गन्ने की पैदावार की है। तीन साल पहले तक गन्ने की पैदावार प्रति हेक्टेयर एक हजार से लेकर 1200 क्विंटल तक होती थी। अब वैज्ञानिक विधि से खेती शुरू की तो पैदावार दूने से अधिक हो गई। तीन वर्ष पहले कृषि विभाग और उद्यान विभाग के अधिकारियों से मुलाकात हुई। उनसे तकनीकी खेती की जानकारी मिली। परिणाम स्वरूप फसल के साथ सहफसली लेनी शुरू की। वर्तमान में धर्मपाल के पास कुल 10 एकड़ भूमि है। प्रशिक्षण लेकर उन्होंने जो खेती की नई शुरुआत की तो नए-नए कीर्तिमान गढ़ डाले। ट्रेंच विधि से गन्ने की खेती की और जैविक खाद का प्रयोग किया। धर्मपाल पांच एकड़ में गन्ना और 5 एकड़ में केला की खेती कर रहे हैं। गन्ने के साथ खीरा आलू और हल्दी की से फसली खेती लेते हैं। केला की खेती के चार्ट टमाटर आलू और गोभी की से फसली खेती लेते आए हैं। धर्मपाल ने बताया कि गन्ने का शोधित डेढ़ फुट की दूरी और कुड़ से कूड़ की दूरी 4.5 फिट पर की गई। धर्मपाल ने खेत में गन्ने की पराली जलाने की बजाए खेत मे ही दबाकर खाद के रूप में प्रयोग किया। रमिया बेहड़ ब्लॉक में करीब पांच दर्जन से अधिक किसान इसी विधि का प्रयोग कर रहे हैं। इस विधि के प्रचार-प्रसार से कुछ ही वर्षों में जिले में गन्ने का उत्पादन काफी बढ़ सकता है।

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