महिला की मौत, 150 नए मरीज मिले, सबसे अधिक सदर तहसील में
कोरोना का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। सबसे ज्यादा तहसील सदर में पाए जा रहे हैं।
लखीमपुर: कोरोना का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। सबसे ज्यादा तहसील सदर में पाए जा रहे हैं। डीएम शैलेंद्र सिंह के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में लखनऊ लैब से कुल 370 रिपोर्ट आई। जिसमें 16 पॉजिटिव व 354 निगेटिव हैं। 17 अन्य लैब, दो ट्रूनेट व 115 एंटीजेन से पॉजिटिव आए हैं। वहीं 66 वर्षीय संक्रमित महिला की इलाज के दौरान एरा मेडिकल कॉलेज में मृत्यु हो गई। गोला के सरोज टाकीज के पीछे, तीर्थ, कल्लूपुरवा बिजुआ, मैलानी, रविद्र नगर कॉलोनी, रघुनाथपुर झाले के पास, सीएचसी बांकेगंज, पूर्वी दीक्षिताना, मोहम्मदी रोड,बादल नगर, कुमारन टोला, सुहेला, फतेहनगर एक-एक, मितौली के दतेली कलां में तीन, भूलनपुर, लोहटी, पिपरझला में एक-एक, बसारा में दो, टिकोला, अच्छानिया, मैगलगंज में एक-एक मरीज मिले हैं। तहसील मोहम्मदी के मोहम्मद दीना में एक, पूर्वी लखपेड़ा में तीन, मोहम्मदपुर में एक, बरखेरिया जाट, चौबेपुर में दो-दो, सहजना, मुल्लापुर, सीएससी पसगवां, जैती में एक-एक मरीज मिले हैं। तहसील सदर के जमुनिया में एक, संकटा देवी में चार, राजगढ़ में तीन, बरखेरवा में एक, ढकिया गोपालापुर में दो, बैरनपुरवा, इमली चौराहा एक-एक, पनगी कलां, शेख सराय में दो-दो, सिविल लाइन में पांच, पंजाबी कॉलोनी, द्वारिकापुरी, पटेल नगर में एक-एक, शाहपुरा कोठी, काशीनगर में तीन-तीन, जिला कारागार, कुसमौरी, सुंदरवल, छाउछ, अयोध्यापुरी कॉलोनी, शारदानगर, श्याम नगर, टीचर्स कॉलोनी, खूबपुर, मेला मैदान में एक-एक, हाथीपुर में तीन, गोविदनगर, राजापुर, बीडी मिश्रा कॉलोनी में एक-एक व खंभार खेड़ा में तीन मरीज मिले हैं।
वहीं 22 केस की ट्रेसिग चल रही है। जिले में 563 एक्टिव केस हैं। जबकि 104 लोगों की मौत हो चुकी है।
जांच रिपोर्ट के लिए भटक रहा वनकर्मी कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। इस बीच जांच कराने वाले लोगों की परेशानी भी बढ़ती जा रही है। वन विभाग के कर्मचारी प्रकाश आर्या ने सात अप्रैल को अपनी कोरोना की जांच कराई थी, लेकिन एक हफ्ते बाद भी उन्हें रिपोर्ट नहीं मिल पाई है। कंट्रोल रूम में संपर्क करने का भी कोई फायदा नहीं हुआ। कई मरीजों का कहना है कि इस बार कोरोना की जांच तो की जा रही है, लेकिन कोई डॉक्टर ऐसा नहीं है जो ये बताए कि मरीज को कौन सी दवाई खानी है और क्या एहतियात बरतना है। इस बार मरीजों का फॉलोअप भी नहीं हो रहा है। जिससे लोग काफी डरे हुए हैं।