देवी मंदिरों व शक्तिपीठों में हुआ पूजन-अर्चन

मंदिरों में कतार में खड़ा होकर श्रद्धालुओं ने किया प्रवेश मंदिर प्रबंधन कोविड गाइड लाइन का करा रहा अनुपालन।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 01:00 AM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 01:00 AM (IST)
देवी मंदिरों व शक्तिपीठों में हुआ पूजन-अर्चन
देवी मंदिरों व शक्तिपीठों में हुआ पूजन-अर्चन

कुशीनगर : वासंतिक नवरात्र के तीसरे दिन जिले के देवी मंदिरों व शक्तिपीठों में श्रद्धालुओं ने मां की पूजा-अर्चना की। कतारों में खड़ा होकर श्रद्धालुओं ने मंदिर में प्रवेश किया। सभी मंदिरों की व्यवस्था में जुड़े पुजारी व स्वयंसेवक कोविड गाइड लाइन का अनुपालन कराने में जुटे रहे। नौ दिनों तक व्रत रखने वाले लोग घरों में कलश स्थापना कराए हुए हैं। सुबह शाम दुर्गा सप्तसती का पाठ भी कर रहे हैं।

नगर के बुढि़या माई मंदिर, खिरकिया मंदिर, लखराव मंदिर, प्राचीन शक्तिपीठ खन्हवार देवी मंदिर, रामकोला के धर्मसमधा मंदिर, बिहार सीमा पर स्थित मदनपुर देवी मंदिर, कुलकुला धाम, मैनपुर कोट मंदिर, खजुरिया मंदिर, कोट मंदिर समेत जिले के ग्रामीण इलाकों में स्थित देवी मंदिरों में भी दिन भर पूजन का क्रम चलता रहा। सुबह से ही मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं की कतार लगी रही। नवरात्र के तीसरे दिन मां के चंद्रघंटा रूप की लोगों ने पूजन किया और मन्नतें मांगी। मंदिरों में पूजा करने वालों में महिलाओं की संख्या अधिक दिखी। चुनरी नारियल चढ़ाकर श्रद्धालुओं ने मां की अराधना की।

शिव पार्वती विवाह प्रसंग सुन भाव विभोर हुए श्रोता

क्षेत्र के गांव कुरमौटा मंझरिया स्थित सतुगढ़ही देवी मंदिर परिसर में चल रहे शतचंडी महायज्ञ के तीसरे दिन गुरुवार को कथा वाचक प्रियंका द्विवेदी ने शिव पार्वती विवाह का प्रसंग सुनाया।

कहा कि पर्वत राज हिमांचल के यहां सती ने पार्वती रूप में जन्म लिया। देवर्षि नारद हिमांचल के घर पहुंचते हैं और उनकी बेटी का हाथ देखते हैं तथा उनके गुण दोष का बखान करते हैं। ऋषि ने पार्वती को तपस्या कर शिव को पति के रूप में प्राप्त करने को कहा। पार्वती ने शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कई वर्षो तक कठोर तपस्या की। शिव पार्वती के विवाह की तैयारियां होने लगीं। शिव बरात में देवता, भूत-प्रेत, पिशाच सब उनके शामिल हुए। माता मैना ने जब शिवजी को देखा तो अपनी बेटी का विवाह करने से मना करने लगीं। नारद सहित सभी देवताओं ने उन्हें समझाया। धर्मेंद्र सिंह, शिवाकांत ओझा, प्रदीप सिंह सैंथवार, प्रभुनाथ सिंह,जगदीश राव, जीतन सिंह, पप्पू यादव, बालमुकुंद, राजेंद्र राव, सिंहासन पांडेय आदि उपस्थित रहे।

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