गन्ना समितियों को 20 साल बाद मिला पर्ची छपाई का अधिकार

सरकार ने 20 साल बाद एक बार फिर समितियों को गन्ना पर्ची की छपाई का अधिकार सौंपा है। 1998-99 में सरकार ने सहकारी गन्ना समितियों से पर्ची वितरण का अधिकार वापस लेते हुए मिलों को दे दिया था। वेंडरों के माध्यम से छपाई कराई जा रही थी। जिले की चार समितियों का चयन किया गया है जो पर्चियों की प्रिटिग करते हुए किसानों को सप्लाई टिकट घर-घर तक पहुंचाएंगी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 29 Nov 2019 11:30 PM (IST) Updated:Fri, 29 Nov 2019 11:30 PM (IST)
गन्ना समितियों को 20 साल बाद मिला पर्ची छपाई का अधिकार
गन्ना समितियों को 20 साल बाद मिला पर्ची छपाई का अधिकार

कुशीनगर : सरकार ने 20 साल बाद एक बार फिर समितियों को गन्ना पर्ची की छपाई का अधिकार सौंपा है। 1998-99 में सरकार ने सहकारी गन्ना समितियों से पर्ची वितरण का अधिकार वापस लेते हुए मिलों को दे दिया था। वेंडरों के माध्यम से छपाई कराई जा रही थी। जिले की चार समितियों का चयन किया गया है, जो पर्चियों की प्रिटिग करते हुए किसानों को सप्लाई टिकट घर-घर तक पहुंचाएंगी। इससे दो लाख 20 हजार छ: सौ 78 किसानों को राहत मिलेगी।

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यहां प्रिट होंगी पर्चियां

-सेवरही, रामकोला, हाटा, खड्डा समितियों पर पर्चियां प्रिट होंगी। कप्तानगंज चीनी मिल की पर्ची की छपाई भी रामकोला में ही होगी। सट्टे के अनुसार पक्षवार किसानों को सहूलियत से पर्ची मिलेगी। समितियों पर कंप्यूटर के साथ चार विभागीय व चार तकनीशियन तैनात रहेंगे, जो लेजर प्रिटर से छपाई करेंगे।

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चार समितियों को पर्ची छपाई की जिम्मेदारी दी गई है। पिछले साल गोरखपुर में वेंडर से प्रिटिग कराकर सप्लाई टिकट किसानों को दिया गया था। अब समितियां ही सब कुछ करेंगी। कर्मचारियों की भी तैनाती कर दी गई है।

वेद प्रकाश सिंह, जिला गन्ना अधिकारी, कुशीनगर

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