लोकायुक्त, कमिश्नर, डीएम, सीडीओ व डीपीआरओ समेत छह हाईकोर्ट में तलब

उच न्यायालय इलाहाबाद ने प्रदेश के लोकायुक्त मंडलायुक्त गोरखपुर जिलाधिकारी कुशीनगर मुख्य विकास अधिकारी जिला पंचायत राज अधिकारी ग्राम पंचायत अधिकारी दुबौली बभनौली को तलब किया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 16 May 2019 11:51 PM (IST) Updated:Thu, 16 May 2019 11:51 PM (IST)
लोकायुक्त, कमिश्नर, डीएम, सीडीओ व डीपीआरओ समेत छह हाईकोर्ट में तलब
लोकायुक्त, कमिश्नर, डीएम, सीडीओ व डीपीआरओ समेत छह हाईकोर्ट में तलब

कुशीनगर : उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने प्रदेश के लोकायुक्त, मंडलायुक्त गोरखपुर, जिलाधिकारी कुशीनगर, मुख्य विकास अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी दुबौली बभनौली को तलब किया है। यही नहीं वादी शंभू नाथ मल्ल की आपत्ति पर 35 दिन के अंदर स्पष्टीकरण देने के लिए निर्देशित किया है।

मामला विशुनपुरा विकास खंड के डुमरा खुर्द उर्फ दुबौली बभनौली गांव का है। यहां के पूर्व प्रधान शंभू नाथ मल्ल ने इंदिरा आवास, महामाया आवास, पात्र गृहस्थी कार्ड आदि ग्राम विकास की अनेक योजनाओं में पात्रों को दरकिनार कर मनमानी ढंग से अपात्रों को लाभ देने व सरकारी राजस्व के बड़े पैमाने पर बंदरबांट करने की शिकायत सबूतों सहित दो साल पूर्व तत्कालीन जिलाधिकारी आंद्रा वामसी से की थी। डीएम ने मामले की जांच के लिए जिला विकास अधिकारी, उपायुक्त श्रम रोजगार, बीडीओ विशुनपुरा व सहायक अभियंता ग्राम्य विकास अभिकरण समेत चार सदस्यीय टीम गठित की। टीम ने बगैर वादी को सूचना दिए चुपके से जांच कर गलत रिपोर्ट सौंपी। पीड़ित ने इसका विरोध करते हुए आपत्ति दर्ज कर खुली बैठक में जांच करने की मांग की। बावजूद इसके जिला प्रशासन द्वारा वादी का पक्ष नहीं सुना गया और प्रकरण की फाइल बंद कर दी। पीड़ित ने प्रकरण को उच्च न्यायालय में उठाया और संपूर्ण दस्तावेजों के साथ वाद दाखिल किया। वादी ने कहा कि उच्च न्यायालय ने बिदुवार आख्या मांगी, तो भी जनपद के जिम्मेदार अफसरों ने गलत रिपोर्ट प्रस्तुत कर न्यायालय को दिग्भ्रमित किया। वादी शंभू नाथ मल्ल ने उच्च न्यायालय में प्रस्तुत रिपोर्ट को गलत बताते हुए तथ्यात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत किया। इस मामले में हाईकोर्ट ने लोकायुक्त उप्र, मंडलायुक्त गोरखपुर, जिलाधिकारी कुशीनगर, मुख्य विकास अधिकारी कुशीनगर, जिला पंचायत राज अधिकारी कुशीनगर व ग्राम पंचायत अधिकारी को हाईकोर्ट में तलब किया है। उच्च न्यायालय के इस आदेश से प्रशासनिक अमला में हडकंप मच गया है।

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