एक्सटेंशन बांध के बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश

वाल्मीकिनगर बैराज से पानी का डिस्चार्ज 1.69 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया। एपी बांध के किमी जीरो पिपराघाट पर जलस्तर खतरे के निशान 76.20 मीटर से 45 सेमी नीचे है। जलस्तर कम होने के बावजूद कटान हो रही है। 17 किमी लंबे बांध के कई प्वाइंट्स संवेदनशील स्थिति में हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 03 Aug 2020 10:45 PM (IST) Updated:Mon, 03 Aug 2020 10:45 PM (IST)
एक्सटेंशन बांध के बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश
एक्सटेंशन बांध के बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश

कुशीनगर: नारायणी नदी के नरवाजोत एक्सटेंशन बांध पर हो रहे कटान का एसडीएम एआर फारुकी ने निरीक्षण किया। विभाग के अधिकारियों को बचाव कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया।

वाल्मीकिनगर बैराज से पानी का डिस्चार्ज 1.69 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया। एपी बांध के किमी जीरो पिपराघाट पर जलस्तर खतरे के निशान 76.20 मीटर से 45 सेमी नीचे है। जलस्तर कम होने के बावजूद कटान हो रही है। 17 किमी लंबे बांध के कई प्वाइंट्स संवेदनशील स्थिति में हैं। 21 जुलाई को बैराज के डाउनस्ट्रीम में इस वर्ष अब तक का अधिकतम डिस्चार्ज 436500 क्यूसेक था। इससे 22 से 24 जुलाई के बीच नरवाजोत-पिपराघाट मार्ग के किमी 0.900 से किमी 0.950 के बीच कई एकड़ भूमि व गन्ने की फसल नदी बहा ले गई थी। किमी 1.250 से किमी 1.300 तक नदी का दबाव नरवाजोत एक्सटेंशन तटबंध पर बना हुआ है। बांस के कोठ एवं शीशम के दो बड़े पेड़ नदी में समाहित हो चुके हैं। सहायक अभियंता आमोद कुमार सिंह ने कहा कि बांध की लगातार निगरानी की जा रही है, कहीं कोई खतरा नहीं है।

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