आया राखी का त्योहार, उत्साहित बहनें खूब कर रहीं खरीदारी

हर तरफ रंग बिरंगी राखियों से बाजार सज गए हैं। सुबह से लेकर देररात तक दुकानों पर बहनों की भीड़ इस त्योहार को लेकर उत्साह का पैमाना बन रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 11 Aug 2019 11:36 PM (IST) Updated:Mon, 12 Aug 2019 06:25 AM (IST)
आया राखी का त्योहार, उत्साहित बहनें खूब कर रहीं खरीदारी
आया राखी का त्योहार, उत्साहित बहनें खूब कर रहीं खरीदारी

कुशीनगर: रखिया बंधा ल भइया सावन आइल..., राखी बंधन है प्यार का..के गीतों से नगर गूंज रहा है। 15 अगस्त को ही रक्षाबंधन है। हर तरफ रंग बिरंगी राखियों से बाजार सज गए हैं। सुबह से लेकर देररात तक दुकानों पर बहनों की भीड़ इस त्योहार को लेकर उत्साह का पैमाना बन रहा है। हलवाई भी विभिन्न प्रकार की मिठाइयां बनाने में जुटे हुए हैं।

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जाने किस रेट में बिक रही राखियां

-धर्मशाला रोड पर महिला व सौंदर्य प्रसाधन विक्रेता अवनीश कसौधन ने अपने दुकान के सामने ढ़ेर सारी राखियां सजा रखी हैं। दुकान चला रही उनकी बेटी ने बताया कि कोलकाता से एक सप्ताह पूर्व आयी राखियों के खेप में तकरीबन 60 से 70 वेराइटी की राखियां हैं। इनकी कीमत पांच रुपये लेकर 300 रुपये तक की है। भैया-भाभी, वीर जी, अंग्रेजी में लिखी ब्रो के नाम से बाजार में उतरी राखियों की धूम मची हुई है। सुभाष चौक पेट्रोल पंप के सामने राखी बेच रहे छोटू ने बताया कि रेशम वाली राखी, जरी वाली राखी, स्पंज वाली राखी, मोतियों वाली राखी की मांग ज्यादे है। रामकोला रोड निवासी शिव कहते हैं राखियों की बिक्री शाम को सबसे ज्यादे हो रही है।

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मिठाई बनाने में आई तेजी

-रक्षाबंधन पर मिठाई की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए हलवाई दिन रात एक किए हुए हैं। मिठाई बनाने वाले कारीगर, प्रदीप, प्रेम कुशवाहा, हीरा कहते हैं तीन दिन से दिन रात मिठाई बनाने का कार्य हो रहा है। हर रोज 100 से 150 लीटर दूध की खपत हो रही है। काजू की बर्फी, राजभोग, लालमोहन, लड्डू, छेने की विभिन्न वेरायटी की मिठाईयां बनाई जा रही हैं।

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साड़ियों की बिक्री बढ़ी

-बहनों को उपहार देने के लिए धर्मशाला रोड, कोतवाली रोड, सेंट्रल बैंक रोड के अलावा जगह-जगह खुले शापिग माल में सलवार शूट, साड़ियों आदि कपड़ों की खरीद के लिए पुरुषों की बढ़ती भीड़ व्यवसायियों को उत्साहित कर रही है। सज्जन कहते हैं। अपने आर्थिक स्थिति के अनुसार लोग साड़ी की खरीद कर रहे हैं। 1000 से लेकर 5000 तक की साड़ियों की मांग बढ़ी है। कृष्णा प्रताप सिंह कहते हैं खरीद के लिए महिलाएं भी आ रही हैं।

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