थोक भाव में गिरावट, कोल्ड स्टोर में आलू डंप

बाजार में आलू के फुटकर मूल्य में भले ही खास गिरावट न हुई हो लेकिन थोक दाम में काफी गिरावट हो गई है। इसके चलते आलू किसानों की लागत भी निकलना कठिन हो रहा है। किसान कोल्ड स्टेर में डंप आलू की निकासी नहीं कर रहे हैं। जिससे स्टोर मालिक परेशान हो रहे हैं। वह लगातार किसानों को स्टोर से आलू निकालने और अपना किराया देने के लिए कह रहे हैं। लागत निकलता न देख किसान स्टोर की ओर मुंह नहीं कर रहे।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 11:48 PM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 11:48 PM (IST)
थोक भाव में गिरावट, कोल्ड स्टोर में आलू डंप
थोक भाव में गिरावट, कोल्ड स्टोर में आलू डंप

कौशांबी। बाजार में आलू के फुटकर मूल्य में भले ही खास गिरावट न हुई हो लेकिन थोक दाम में काफी गिरावट हो गई है। इसके चलते आलू किसानों की लागत भी निकलना कठिन हो रहा है। किसान कोल्ड स्टेर में डंप आलू की निकासी नहीं कर रहे हैं। जिससे स्टोर मालिक परेशान हो रहे हैं। वह लगातार किसानों को स्टोर से आलू निकालने और अपना किराया देने के लिए कह रहे हैं। लागत निकलता न देख किसान स्टोर की ओर मुंह नहीं कर रहे।

आलू किसान फिर से बर्बादी के कगार की ओर जाते दिख रहे हैं। उनके साथ ही स्टोर संचालक भी परेशान हैं। किसानों की मानें तो बोआई के समय आलू का बीज चार से पांच गुना मंहगा था। ऐसे में छह से सात सौ रुपये प्रति कुंतल की दर से आलू का बीज खरीदकर बोया गया। फसल तैयार होने के बाद किसानों को लगा कि इस बार अच्छा दमा मिलेगा। उन्होंने आलू कोल्ड स्टोर में रख दिया। जिले के दस कोल्ड स्टोरों की क्षमता करीब 95 हजार 646.27 मीट्रिक टन है। इन स्टोरों में किसानों का करीब 84 हजार 452 मीट्रिक टन आलू जमा है। किसान को एक कुंतल आलू के लिए स्टोर संचालक को 280 रुपये से लेकर 300 रुपये तक का भुगतान करना होता है। इन दिनों आलू का थोक मूल्य सात से आठ सौ रुपये प्रति कुंतल है। ऐसे में किसानों की लागत तक निकलती नहीं दिख रही। आलू के दामों में गिरावट के चलते वह स्टोर की ओर मुंह भी नहीं कर रहे। जबकि कोल्ड स्टोर संचालक लगातार किसानों से संपर्क कर उनको आलू उठाने और किराए का भुगतान के लिए कह रहे हैं। किसान उनकी बातों की ओर ध्यान नहीं दे रहे। यही हाल रहा तो स्टोर संचालक भी घाटे में रहेंगे। बोले किसान

आलू बोआई के दौरान महंगे दाम पर बीज खरीद कर दो बीघे फसल की फसल तैयार की थी। आलू के दाम लगातार गिरते जा रहे हैं। ऐसे में कोल्ड स्टोर में रखे आलू को निकालने की हिम्मत नहीं पड़ रही है।

- दीपक कुमार, किसान फसल बोआई के समय बीज के दाम महंगे होने से फसल के भाव मे तेजी आने की उम्मीद थी। तैयार होने के बाद लगातार दाम में गिरावट बनी रही। लगा कि स्टोर में रख दिया जाए। बाद में बेचा जाएगा लेकिन अब तक स्टोर का किराया देने की भी हिम्मत नहीं बची।

- लालचंद साहू, किसान कोरोना काल में किसान पहले से ही आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। ऐसे में महंगे दाम पर आलू का बीज खरीद कर बोआई करना और अब लागत न निकल पाना। बेहद दुखदाई है। किसान को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।

मुन्ना सिंह, किसान महंगे दाम पर बीज खरीद कर खाद व सिचाई कर फसल तैयार की थी, लेकिन इसके बावजूद भी भाव नहीं बढ़ पा रहा। फसल बेचने पर लागत निकलने की संभावना नहीं दिख रही है। किसानों को लेकर सरकार को विचार करना चाहिए।

- रामबाबू, किसान

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