पुलिस भर्ती फर्जीवाड़ा : बयान के चलते विवेचना लंबित

जासं, कौशांबी : पुलिस भर्ती फर्जीवाड़ा में जालसाजों के चलते विवेचना लंबित पड़ी है। पांच दिन पहले बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस भेजा जा चुका है लेकिन अब तक एक भी आरोपित विवेचक के पास नहीं पहुंचा। वहीं विवेचक भी कोई पहल भी नहीं कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Jan 2019 11:10 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jan 2019 11:10 PM (IST)
पुलिस भर्ती फर्जीवाड़ा : बयान के चलते विवेचना लंबित
पुलिस भर्ती फर्जीवाड़ा : बयान के चलते विवेचना लंबित

जासं, कौशांबी : पुलिस भर्ती फर्जीवाड़ा में जालसाजों के चलते विवेचना लंबित पड़ी है। पांच दिन पहले बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस भेजा जा चुका है लेकिन अब तक एक भी आरोपित विवेचक के पास नहीं पहुंचा। वहीं विवेचक भी कोई पहल भी नहीं कर रहे हैं।

सपा शासन काल में उत्तर प्रदेश में पुलिस व पीएसी के सिपाहियों की भर्ती हुई थी। लाखों युवाओं के बीच जनपद से भी सैकड़ों लोगों ने आवेदन किया था। मेरिट के आधार पर हो रही भर्ती का मामला सामने आया तो उनके होश उड़ गए, जिनकी मेरिट कम थी उनकी मुलाकात नेवादा क्षेत्र के एक शिक्षा माफिया से हो गई। उसने पांच से सात लाख रुपये लेकर मध्य प्रदेश से बढ़ी मेरिट की मार्कशीट बनवा दी। लखनऊ में जब युवकों के दस्तावेज का सत्यापन शुरू हुआ तो सुल्तानपुर के एक अधिवक्ता ने भर्ती बोर्ड को शिकायती पत्र भेजकर बताया कि कौशांबी के दर्जनों युवकों ने फर्जी मार्कशीट लगा रखी है। भर्ती बोर्ड ने जांच शुरू कराई तो 32 युवकों ने मध्य प्रदेश से बनी फर्जी मार्कशीट संलग्न कर रखी थीं। इसकी सूची तैयार कर जिले के पुलिस अधीक्षक को भेजा गया। एसपी प्रदीप गुप्ता के निर्देश पर सभी आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज किया गया। पुलिस ने शुरुआत में शिथिलता बरतना शुरू कर दिया। इस पर 18 जालसाजों ने कोर्ट से अरेस्ट स्टे ले लिया। फर्जी मार्कशीट का सत्यापन कराने के बाद पुलिस ने 14 जालसाजों को आनन-फानन में नोटिस थमा दिया। विवेचना लगभग पूरी हो चुकी है नतीजतन बयान न होने के कारण विवेचना तो लंबित पड़ी हुई है। साथ ही नेवादा इलाके के शिक्षा माफिया की गिरफ्तारी पर भी ग्रहण लगा हुआ है। जालसाजों का बयान दर्ज कराते ही विवेचना पूरी हो जाएगी। सप्ताह भर का समय दिया गया है। फिलहाल दो दिन का वक्त बाकी है। इसके बाद आला अफसरों के निर्देश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

- निरीक्षक राकेश चौरसिया, जांच अधिकारी।

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