डार्कजोन कौशांबी में बूंद-बूंद पानी का संकट

जासं कौशांबी जल संचयन का पर्याप्त इंतजाम नहीं होने से जनपद का भूजल स्तर तेजी से नीचे जा रहा है। जिले के अधिकतर तालाबों पर लोगों का कब्जा है लेकिन अफसर बेफिक्र हैं। भूजल स्तर गिरने से जिले के छह विकास खंडों को डार्कजोन घोषित किया गया है। गर्मी की शुरुआत होने से पहले ही अधिकतर तालाब सूख गए थे। हजारों की तादाद में हैंडपंप पानी देना बंद कर दिए हैं। इससे पानी का संकट गहरा गया है। इस समस्या के निराकरण को ग्रामीणों ने जन प्रतिनिधियों व अफसरों से गुहार लगाई थी।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 03 Jun 2019 11:21 PM (IST) Updated:Mon, 03 Jun 2019 11:21 PM (IST)
डार्कजोन कौशांबी में बूंद-बूंद पानी का संकट
डार्कजोन कौशांबी में बूंद-बूंद पानी का संकट

जासं, कौशांबी : जल संचयन का पर्याप्त इंतजाम नहीं होने से जनपद का भूजल स्तर तेजी से नीचे जा रहा है। जिले के अधिकतर तालाबों पर लोगों का कब्जा है लेकिन अफसर बेफिक्र हैं। भूजल स्तर गिरने से जिले के छह विकास खंडों को डार्कजोन घोषित किया गया है। गर्मी की शुरुआत होने से पहले ही अधिकतर तालाब सूख गए थे। हजारों की तादाद में हैंडपंप पानी देना बंद कर दिए हैं। इससे पानी का संकट गहरा गया है। इस समस्या के निराकरण को ग्रामीणों ने जन प्रतिनिधियों व अफसरों से गुहार लगाई थी।

जनपद में पेयजल आपूर्ति के लिए 28 पानी की टंकी व 21170 हैंडपंप लगाए हैं। भूजल स्तर गिरने की वजह से गांवों में लगे इंडिया मार्का के हैंडपंप तेजी से पानी छोड़ रहे हैं। अप्रैल से अब तक 2470 हैंडपंपों ने पानी देना बंद कर दिया है। इसकी वजह से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। बिगड़े हुए हैंडपंपों का रीबोर कराने के लिए ग्रामीणों ने प्रधान, सचिव व खंड विकास अधिकारी से मांग की थी लेकिन ध्यान नहीं दिया गया है। हैंडपंप के बिगड़ने से चायल क्षेत्र के कसेंदा, मुरादपुर, मीरपुर, विलासपुर, भोजपुर, मंझनपुर क्षेत्र के टिकारी, ओसा, सिरचनुपर, चकथा, देवरा व सिराथू क्षेत्र के गुलामीपुर, गपना, चकिया, रमसहाईपुर आदि गांवों में पानी का संकट है। गंगा की तराई में बसे गांवों का हाल बुरा

सबसे बुरा हाल तो गंगा की तराई में बसे गांवों का है जहां गांवों में लगे 50 फीसद हैंडपंप पानी नहीं दे रहे हैं। ऐसे में लोगों को गांव के बाहर सिचाई के लिए लगे नलकूपों से पानी जुटाना पड़ता है। बानगी के तौर पर विकास खंड कड़ा के हब्बूनगर के ग्रामीणों की पेयजल व्यवस्था सिचाई के नलकूप पर निर्भर है। गांव के रामलोचन, गिरधारी, बब्लू आदि का कहना है कि सिचाई बंद है। ऐसे में नलकूप भी समय पर नहीं चलता। इससे पेयजल की विकराल समस्या है। शासन-प्रशासन है कि दिनों दिन गंभीर हो रही पेयजल समस्या को लेकर तनिक भी संजीदा नहीं है। तालाबों में नहीं भराया गया पानी

गर्मी के दिनों में पानी अधिक आवश्यकता होती है। जनपद में ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति हैंडपंपों के सहारे है। तालाबों के सूख जाने की वजह से इन दिनों मवेशियों के सामने पानी का संकट है। तालाबों में पानी न होने से गांव के लोगों की और भी जरूरतें पूरी नहीं हो रही हैं। इसकी सूचना ग्राम प्रधानों मुख्य विकास अधिकारी इंद्रसेन सिंह को पूर्व में दी थी, जिसको गंभीरता से लेने के बाद सीडीओ ने कौशांबी सिचाई खंड एक्सईएन, राजकीय नलकूप एक्सईएन व खंड विकास अधिकारियों को को निर्देश दिया है कि सूखे हुए तालाबों में नहरों से पानी भराया जाए। सीडीओ के स्पष्ट निर्देश के बाद भी जिले के अधिकतर तालाब सूखे पड़े हुए हैं। पुलिस लाइन के हैंडपंप नहीं दे रहे पानी

संसू, टेंवा : पुलिस लाइन व पोस्टमार्टम हाउस परिसर में लगा हैंडपंप महीनों से खराब हैं। ऐसे में कर्मचारियों को साथ ही वहां आने वाले लोगों को भी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। शिकायत के बाद भी अब तक समस्या का निदान नहीं हो सका। पुलिस लाइन में सैकड़ों पुलिस कर्मी रहते हैं। यहां पर लगाए गए अधिकतर हैंडपंप पानी देना बंद कर दिए है। इससे पुलिस कर्मियों को काफी परेशानी हो रही है। शिकायत के बाद भी हैंडपंपों को नहीं बनाया गया है। गर्मी के चलते भूगर्भ जल स्तर तेजी से नीचे खिसक रहा है। गांवों के बिगड़े हुए हैंडपंपों की सूची आ गई है। प्रधान व सचिव को बिगड़े हुए हैंडपंपों की बोरिग कराने का निर्देश दिया जा चुका है। जल्द ही पानी की समस्या का निराकरण होगा।

गोपाल जी ओझा, डीपीआरओ।

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