मानक के अनुसार नहीं हो रही नहर की सफाई

कौशांबी ब्लाक क्षेत्र के नहरों की सफाई का काम चल रहा है। कुछ स्थानों को छोड़ दे तो अन्य स्थानों पर केवल कोरम पूरा किया जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 11:52 PM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 11:52 PM (IST)
मानक के अनुसार नहीं हो रही नहर की सफाई
मानक के अनुसार नहीं हो रही नहर की सफाई

बारा : कौशांबी ब्लाक क्षेत्र के नहरों की सफाई का काम चल रहा है। कुछ स्थानों को छोड़ दे तो अन्य स्थानों पर केवल कोरम पूरा किया जा रहा है। इसको लेकर क्षेत्रीय लोगों में नाराजगी है। यहीं हाल रहा तो किसानों को नहरों का पानी समय पर नहीं मिल पाएगा।

कौशांबी ब्लाक क्षेत्र में नहरों का जाल है। यहां की अधिकांश कृषि योग्य भूमि की सिचाई नहरों से ही होती है। इन दिनों चल रही नहर सफाई में लापरवाही से काम हो रहा है। ऐसे में किसानों ने नाराजगी जताई है। किसान शंभू दयाल का कहना है कि नहरों की सफाई ठीक से नहीं हो रही है। जिससे पानी पूरे प्रवाह से नहीं बहेगा। जिससे सिचाई कार्य प्रभावित होगा। किशुनपुर निवासी नत्थू पटेल ने बताया कि उनके क्षेत्र में सिरसी पुलिस के आगे नहर की सफाई का कार्य बेहतर नहीं है। नहर में यहां वहां उगी घास व गंदगी को नहीं हटाया गया। जो बाद में समस्या का कारण बनेगा। उनका आरोप है कि पूरी सतह को एक समान नहीं किया जा रहा। कही पर गड्ढे कर दिए है तो कही पर मिट्टी का ढेर लगा दिया गया है। इससे बाद में किसान को समस्या होगी। किसानों ने नहरों की सफाई कार्य मानकके अनुसार कराते हुए जल्द गेहूं के पलेवा के लिए पानी छोड़े जाने की मांग की है। अराजकतत्वों ने लगाई आग, मवेशियों का चारा जला

कसेंदा : पिपरी थाना क्षेत्र के कसेंदा गांव में अराजकतत्वों ने मवेशियों के चारे में आग लगा दी। इससे करीब चार सौ बोझ चारा जलकर राख हो गया। पशु पालकों ने घटना की सूचना पुलिस को दी। शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

कसेंदा निवासी अवध नारायण यादव ने बताया कि वह खेती के अलावा मवेशी पालन किए हुए है। गांव के बाहर दक्षिण दिशा में ससुर खदेरी नदी किनारे खेत में करीब दो सौ बोझ मवेशियों का चारा रखा था। मंगलवार शाम करीब पांच बजे किसी अराजकतत्व ने चारे में आग लगा दी। लपटें उठती देख अवध नारायण समेत अन्य ग्रामीण भागकर मौके पर पहुंचे और आग बुझाने का प्रयास करने लगे। इस बीच लपटों ने गांव के ही कामता प्रसाद, हरवेंद्र सिंह व मक्खनलाल के चारे को भी अपनी चपेट में ले लिया। घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया, लेकिन तब करीब चार सौ बोझ चारा जलकर राख हो चुका था।

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