मासूमों का सरकारी खर्च पर इलाज कराएगा प्रशासन

कौशांबी जिले में करीब एक दर्जन बच्चे ऐसे हैं जो जन्मजात गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 15 Oct 2019 11:54 PM (IST) Updated:Wed, 16 Oct 2019 06:07 AM (IST)
मासूमों का सरकारी खर्च पर इलाज कराएगा प्रशासन
मासूमों का सरकारी खर्च पर इलाज कराएगा प्रशासन

कौशांबी : जिले में करीब एक दर्जन बच्चे ऐसे हैं जो जन्मजात गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर प्रशासनिक अधिकारियों ने योजना बनाई है। इन बच्चों का इलाज सरकारी खर्च से बेहतर तरीके से कराया जाएगा। डीएम की पहल पर सीएमओ ने इसको लेकर कवायद तेज कर दी है। दीपावली बाद संबंधित बच्चों को इलाज के लिए बाहर भेजा जाएगा।

बदलते परिवेश के साथ जन्मजात बीमारियों की संख्या में इजाफा हो गया है। जिले में करीब एक दर्जन बच्चे ऐसे हैं जो जन्म से ही गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। परिवार के लोग आर्थिक हालात सही न होने के कारण उनका उपचार नहीं करा पा रहे हैं। ऐसे में प्रशासन ने अब इन बच्चों की मदद का फैसला किया है। डीएम मनीष कुमार वर्मा व सीडीओ इंद्रसेन सिंह की पहल के बाद स्वास्थ्य विभाग ने इन बच्चों के उपचार को लेकर गंभीरता दिखाई है। अब विभाग ऐसे बच्चों का उपचार कैसे किया जा सकता है। इसको लेकर मंथन शुरू कर दिया है। ऐसे बच्चों को दीपावली के बाद उपचार के लिए बाहर भेजा जाएगा।

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बैठक में बनी एकराय

जासं, कौशांबी : जन्मजात बीमारियों से जूझ रहे बच्चों का बेहतर उपचार कैसे हो सकता है। इस विषय पर मंथन के लिए सोमवार को सीडीओ इंद्रसेन सिंह ने शिक्षा, स्वास्थ्य व जिला कार्यक्रम विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य पर चर्चा के साथ ही जन्मजात बीमारियों से जूझ रहे बच्चों के उपचार को लेकर मंथन किया गया। प्रभारी सीएमओ डा. एसके झा व नोडल अधिकारी डा. सुनील सिंह

ने बताया कि इस प्रकार के बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर प्रत्येक ब्लाक के आरबीएसके टीमों को सक्रिय किया गया है। उनसे समय-समय पर रिपोर्ट ली जाती है। इस दौरान तमाम बच्चे इस प्रकार की बीमार से ग्रसित मिलते हैं, जिसका उपचार आरबीएसके के बजट से हो पाना संभाव नहीं है। इस पर सीडीओ ने कहा कि बच्चे हमारे हैं। उनका उपचार कराने की जिम्मेदारी हमारी है। इसके लिए विकल्प तलाशे जाए। जो सुविधा न हो उसके लेकर डीएम से संपर्क कर विकल्प निकाला जाए। उन्होंने आश्वासन दिया कि बच्चे के उपचार को लेकर प्रशासन पूरी तरह से मदद के पक्ष में है।

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एक दर्जन से बच्चे अधिक गंभीर :

मंझनपुर आरबीएसके टीम ने ब्लाक क्षेत्र में एक दर्जन से अधिक जन्मजात बीमारी से जूझ रहे बच्चों को खोजा है। डा. अरुण केसरवानी ने बताया कि आंख के कैंसर से जूझ रही अनन्या, ह्दयरोग से पीड़ित नितिन, गुदा द्वारा न होने की समस्या से जूझ रहे राकेश समेत तमाम बच्चों का अब तक सफल उपचार कराया जा चुका है। कुछ दिनों पहले स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान मंझनपुर कस्बे की विधि अग्रहरि जन्मजात हड्डी रोग से पीड़ित मिली है। उसके उपचार के लिए टीम के पास किसी प्रकार का बजट नहीं है। इस मामले को अधिकारियों के सामने रखा गया है। करीब दस साल की बच्चे को उपचार कैसे मिले। इस बात को लेकर अधिकारी मंथन कर रहे हैं। बच्ची का परिवार उपचार कराने में सक्षम नहीं है।

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