अभिषेक से पुलकित गंगा हवन से महकी

हर-हर गंगे-घर-घर गंगे से गूंजायमान होता रहा लहरा गंगा घाट - अलौकिक छप्पन भोग के दर्शनों को उमड़ा श्रद्धा का सागर

By JagranEdited By: Publish:Sat, 08 Sep 2018 11:00 PM (IST) Updated:Sat, 08 Sep 2018 11:00 PM (IST)
अभिषेक से पुलकित गंगा हवन से महकी
अभिषेक से पुलकित गंगा हवन से महकी

जागरण संवाददाता, सोरों: लहरा के घाट पर मथुरा के श्रद्धालुओं की सेवा से गंगा की लहरें मचलती रही। गंगा महारानी के अभिषेक के दौरान श्रद्धा का सैलाब उमड़ा तो मोक्षदायिनी की धार भी पुलकित दिखी। शाम को हवन की खुशबू से गंगा और किनारे महक उठे। जागरण में गंगा की महिमा का बखान श्रोताओं को जय-जयकार के लिए मजबूर करता रहा।

पौराणिक लहरा घाट पर शनिवार सुबह श्री गंगा महारानी के अभिषेक पर हर- हर गंगे, घर-घर गंगे का उच्चारण होते ही मानो इंद्रदेव खुद भी सहभागिता को गंगा किनारे उतर आए। रिमझिम बारिश और जयकारों के बीच श्रद्धालुओं ने पंचामृत से गंगा महारानी का अभिषेक किया। अलौकिक श्रंगार के बाद मां की आरती उतारी।

मथुरा वालों की धर्मशाला में आयोजित कार्यक्रम के दौरान समूचा माहौल धाíमक भाव से ओत-प्रोत दिखाई दिया। श्रीगंगा भक्त ट्रस्ट समिति के इस कार्यक्रम में रामबाबू अग्रवाल वृंदावन वालों ने अभिषेक क्रिया कराई। समिति अध्यक्ष शिव कुमार अग्रवाल एडवोकेट, दिनेश चंद बर्तन वाले, कैलाश सिल्कीम, अशोक अग्रवाल, सुनील पाइप वाले, अशोक मिठाई वाले, बनवारी लाल, बसंत लाल, जय गिरधारी श्री गिरधारी, सुधीर सेठ आदि मौजूद रहे।

श्री गंगा महारानी के 24वें वाíषकोत्सव के दौरान हुए हवन से समूचा माहौल पुलकित हो उठा। खुशबू से गंगा के किनारे महक उठे तो वेदमंत्रों से माहौल गूंज उठा। मुख्य यजमान शिव कुमार अग्रवाल एडवोकेट और दिनेश बर्तन वाले ने हवन में आहूतियां डालकर शुरूआत की। हवन में दिनेश, मोहनलाल सर्राफ, रासबिहारी तस्वीर वाले, भुरा टिकिया वाले, केदारनाथ तस्वीर वाले आदि मौजूद रहे।

छप्पन भोग दर्शन को उमड़ा सैलाब: शनिवार शाम को गंगा महारानी के दिव्य और अलौकिक छप्पन भोग श्रद्धालुओं को मोहित कर रहे थे। मैया का आशीर्वाद पाने को यहां शाम से रात तक श्रद्धालुओं का संगम उमड़ता रहा।

भजनों पर मचली गंगा की लहरें:

मन मोहने वाले इस कार्यक्रम की सबसे शानदार प्रस्तुति देर रात को हुई। मथुरा से आई बल्लो एंड पार्टी के गायकों ने गंगा महारानी की महिमा का बखान भजनों से किया। सैकड़ों की संख्या में भक्त झूम उठे तो और चंद कदम दूर गंगा मैया की लहरें मचलने लगी। पूरी रात गंगा का शांत माहौल जयकारों से गुंजायमान होता रहा।

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