हरिपदी के पक्के घाट अटल के वादों की देन

तीर्थनगरी की हरिपदी गंगा के चारों ओर पक्के घाट अटल इरादों की देन है। उन्होंने इसे बनाने के लिए पालिकाध्यक्ष से कहा था। साथ ही कहा था कि अगर बना ना पाओ तो वो खुद इसे बनवा देंगे।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 17 Aug 2018 11:28 PM (IST) Updated:Fri, 17 Aug 2018 11:28 PM (IST)
हरिपदी के पक्के घाट अटल के वादों की देन
हरिपदी के पक्के घाट अटल के वादों की देन

जागरण संवाददाता, सोरों: तीर्थनगरी की हरिपदी गंगा के चारों ओर पक्के घाट अटल इरादों का पक्का वादा है। जनसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर मोक्षनगरी आए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने गंगाजी के घाटों को पक्का कराने का काम शुरू कराया था। आज चारों ओर से पक्के घाटों सुसच्जित हरिपदी का पहला पक्का घाट बनवाने का श्रेय जननायक को ही है।

तीर्थ नगरी, मोक्ष नगरी और शूकर क्षेत्र, वराह नगरी जैसे कई नामों से विख्यात उत्तर भारत के इस धाíमक नगर से अटलजी का काफी आत्मीय रिश्ता था। जनसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रुप में सन 1969 में तीर्थनगरी आए अटल बिहारी वाजपेयी हरपदी गंगाजी को चारों ओर से कच्चा देखकर व्यथित हुए। इस दौरान उन्होंने गंगाजी में स्नान किया था, लेकिन कोई पक्का घाट ना होने की वेदना उनके मन में टीस पैदा करती रही। उन्होंने कार्यकर्ताओं से इस पर चर्चा की।

उस समय पालिका पर जनसंघ का कब्जा था। उन्होंने नगर पालिका अध्यक्ष हीरा लाल कैला से हरपदी गंगा के पक्के घाटों को लेकर ¨चतन किया और चारों और पक्के घाट बनवाने के काम की शुरू करने को कहा। डॉ. राधाकृष्ण दीक्षित बताते हैं कि अटलजी ने पालिकाध्यक्ष से कहा कि घाट पक्के कराने का पूरा काम न कर पाओ तो मत कराना, मैं इसे पूरा करवाऊंगा। ऐसे इरादे जता कर अटल जी चले गए।

वह बताते हैं कि अटलजी का यह आदेश पालिकाध्यक्ष हीरालाल कैला के दिमाग में खटकता रहा। उन्होंने इस संकल्प को पूरा कराने के लिए पालिका कर्मचारियों के अलावा तीर्थ नगरी के लोगों से बात की। दो साल में ही पहला पक्का घाट बनवाया तो उसके शिलान्यास के लिए सन 1971 में अटल बिहारी वाजपेयी को बुलाया गया। इसके साथ ही चारों ओर से कच्ची हरिपदी गंगा पर पक्के घाट बनाने का काम शुरू हुआ था। गंगाजी के चारों ओर पक्के घाट बनवाने का पहला श्रेय जननायक को ही जाता है।

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पीएफ से बना पहला पक्का घाट-

तीर्थ नगरी की हरिपदी गंगाजी का पहला घाट पालिका की धनराशि के अलावा कर्मचारियों के पीएफ से बना था। घाट बनाने के लिए पालिका अध्यक्ष ने कर्मचारियों का सहयोग मांगा तो उन्होंने अपना पीएफ निकाल कर इस काम में लगाने के लिए कह दिया और पक्के इरादे सच्चे संकल्प के बाद गंगाजी पर पहला पक्का घाट बनकर तैयार हुआ।

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-गुणवत्ता का करते हैं बखान-

तीर्थ नगरी के पहले पक्के घाट की गुणवत्ता को लेकर आज भी पंडा- पुरोहित बखान करते हैं। अटलजी के हाथों सन 1971 शिलान्यास हुए इस पक्के घाट की बेहतर गुणवत्ता को लेकर आज भी चर्चा रहती है।

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