कैश वैन संचालन को लेकर ऊहापोह

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : निविदा शर्त को दरकिनार कर उप खंड कार्यालयों में भेजी गइ

By JagranEdited By: Publish:Mon, 16 Apr 2018 01:20 AM (IST) Updated:Mon, 16 Apr 2018 01:20 AM (IST)
कैश वैन संचालन को लेकर ऊहापोह
कैश वैन संचालन को लेकर ऊहापोह

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : निविदा शर्त को दरकिनार कर उप खंड कार्यालयों में भेजी गई कैश कलेक्शन वैन एमबी (मेजरमेंट बुक) की दिक्कत की वजह से दो माह से खड़ी हैं। ऐसे में उपभोक्ताओं की सबस्टेशन तक भाग दौड़ बरकरार है। वहीं विभाग को वैन किराए का चूना लग रहा है।

बकाया राजस्व वसूली में तेजी लाने व गांवों में उपभोक्ता सेवा उपलब्ध कराने को लेकर पिछले दिनों डीजल चालित वाहन किराये पर लेने की प्रक्रिया की गई। प्रति वाहन 37250 रुपये मासिक किराया व यात्रा व्यय 12 किमी. के औसत प्रति डीजल मूल्य के अनुसार भुगतान की शर्त तय हुई। फरवरी में कराई गई निविदा में कानपुर की एक फर्म को वर्क आर्डर मिला। इधर, फर्म ने निविदा शर्त दरकिनार करते हुए डीजल वाहन के स्थान पर पेट्रोल/सीएनजी चालित सात इको वैन उपलब्ध करा दीं। विभागीय अफसरों ने भी कैश कलेक्शन वैन विद्युत उप खंड कार्यालय भेज दी। पिछले दिनों शासन में हुई शिकायत के बाद मामला सामने आया। अब पेट्रोल चालित वैन की एमबी करने से जेई हाथ खड़े कर रहे हैं। ऐसे में ये वैन खड़ी हैं, जिसकी वजह से विभाग पर प्रति माह तय किराये का बोझ पड़ रहा है। जेई संघ के जोनल अध्यक्ष दिलीप कटियार ने बताया कि डीजल चालित वाहन होने पर ही नियमानुसार एमबी हो सकती है। उपलब्ध वैन के पेट्रोल/सीएनजी चालित होने से जेई एमबी से किनारा किए हैं जिससे वैन संचालन ठप है। डिस्काम आगरा के निदेशक (वाणिज्य) डीके ¨सह ने बताया कि प्रकरण संज्ञान में आया है। जानकारी कराई जा रही है। इसके बाद नियमानुसार कार्रवाई होगी।

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