भाजपा के लिए आसान नहीं होगा सदस्यों को सहेज कर रख पाना, सेंध लगाने में जुटी सपा

कानुपर जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए भाजपा ने पूरी ताकत लगा दी है और सपा भी पूरी कोशिश में जुटी है। भाजपा के अपने सिर्फ नौ सदस्य है जबकि सपा के पास 11 सदस्य हैं। ऐसे में अन्य सदस्यों को लेकर खींचतान शुरू हो गई है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sun, 27 Jun 2021 11:17 AM (IST) Updated:Sun, 27 Jun 2021 11:17 AM (IST)
भाजपा के लिए आसान नहीं होगा सदस्यों को सहेज कर रख पाना, सेंध लगाने में जुटी सपा
जिला पंचायत चुनाव में भाजपा और सपा के बीच रस्साकसी है।

कानपुर, जेएनएन। भाजपा और सपा जिला पंचायत चुनाव में इस समय बराबरी की स्थिति में है। भाजपा ने 16 सदस्यों को सामने लाकर अपने पत्ते खोल दिए हैं, लेकिन सपा में अभी पत्ते नहीं खुले हैं। 32 में से 16 सदस्यों को सामने लाने के बाद अब बाकी बचे 16 सदस्य सपा के साथ माने जा रहे हैं, लेकिन दोनों ही राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों के लिए इन्हें सहेज कर रख पाना आसान नहीं होगा।

भाजपा और सपा के प्रत्याशियों ने अपने नामांकन तो करा दिए हैं, लेकिन मतदान तक का समय दोनों दलों के प्रत्याशियों के लिए काफी भारी है। 32 सदस्यों की जिला पंचायत में भाजपा 20 सदस्यों का साथ होने की बात कह रही हो, लेकिन उसके पास अभी 16 सदस्य ही हैं। इन सदस्यों में राजा दिवाकर व उनके साथ के सदस्य भी हैं। तीन दिन से संगठन की बात नहीं सुन रहे राजा दिवाकर शनिवार को पार्टी कार्यालय में स्वप्निल वरुण के साथ नजर आए, लेकिन यह निकटता कितनी रहेगी यह अभी कहना मुश्किल है। भाजपा जहां अब बसपा के सदस्य तोडऩे का प्रयास कर रही है वहीं सपा भाजपा के नाराज खेमे को अपनी तरफ लाने के प्रयास में है क्योंकि इन्हें तोड़े बिना जीत की राह नहीं खुलेगी।

अंतिम समय पर भाजपा ने घोषित किया प्रत्याशी

जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर भाजपा बेहद फूंक फूंककर कदम रख रही है। नामांकन के दिन एेन मौके पर भाजपा ने पूर्व मंत्री की बेटी स्वप्निल वरुण को प्रत्याशी बनाकर अपने पत्ते खोले। शनिवार सुबह तक प्रत्याशी के चयन को लेकर भाजपा का अंदरूनी विवाद चलता रहा। पंचायत चुनाव प्रभारी विजय बहादुर पाठक मंथन करते रहे और टिकट के दूसरे दावेदार राजा दिवाकर का समर्थन कर रहे नेताओं से भी मिले। मजबूत दावेदारी दिखा रहे राजा को लेकर कोई फैसला नहीं लिया जा सका। बाद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हस्तक्षेप पर प्रत्याशी तय किया जा सका।

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