महिला विधायक के प्रवेश के बाद गंगाजल से धोया मंदिर, मूर्ति को कराया संगम स्नान

हमीरपुर में महिला विधायक के प्रवेश से अपवित्र मंदिर को गंगाजल से धोया और मूर्ति को संगम नहलाया गया। इस मंदिर में महिलाओं का प्रवेश वर्जित है।

By Nawal MishraEdited By: Publish:Sun, 29 Jul 2018 08:14 PM (IST) Updated:Wed, 01 Aug 2018 10:30 AM (IST)
महिला विधायक के प्रवेश के बाद गंगाजल से धोया मंदिर, मूर्ति को कराया संगम स्नान
महिला विधायक के प्रवेश के बाद गंगाजल से धोया मंदिर, मूर्ति को कराया संगम स्नान

हमीरपुर (जेएनएन)। यहां में एक ऐसा आश्रम है जहां पर महिलाओं का जाना पूरी तरह से वर्जित है। इसलिए आश्रम आने वाली महिलाएं बाहर से ही दर्शन कर आशीर्वाद लेती हैं। विधायक मनीषा अनुरागी कुछ दिन पूर्व मंदिर के अंदर चली गईं। इससे सदियों से चली आ रही पुरानी परंपरा टूट गई। किसी अनहोनी की आशंका से भयभीत ग्रामीणों ने आश्रम को गंगाजल से धोकर 'पवित्र' किया। साथ ही मंदिर में विराजमान धूम्र ऋषि के स्वरूप को फूलों की पालकी में इलाहाबाद ले जाकर संगम स्नान कराया गया।

मंदिर से जुड़ी खास बातें मान्यता के अनुसार महिलाओं का मंदिर में प्रवेश वर्जित  ग्रामीणों ने प्रतीक स्वरूप प्रतिमा को कराया संगम स्नान जब कोई महिला मंदिर में गई मंदिर को साफ कराया गया विधायक ने ऐसी मान्यता की जानकारी से किया इन्कार मंदिर में महिला के जाने से बनती लंबे अकाल की स्थिति

राठ में सदियों पुराना आश्रम 

विकासखंड राठ के मुस्करा खुर्द गांव के ग्रामीणों के मुताबिक गांव में सदियों पुराना आश्रम बना है। जहां धूम्र ऋषि निवास करते थे। आश्रम में ही एक पुराना मंदिर है। जिसमें दूर दूर से ग्रामीण मनोकामना के लिए दर्शन करने आते हैं। आश्रम के मंदिर में धूम्र ऋषि की प्रतिमा से लोग मन्नतें मांगते हैं। इस मंदिर की ऐसी मान्यता है कि दिल से मांगी हर मुराद अवश्य पूरी होती है। आश्रम के अंदर महिलाओं के जाने पर रोक है। जिसके चलते वहां पहुंचने वाली महिलाएं बाहर से ही अपनी मन्नतें मांगती हैं। आश्रम में महिलाएं अंदर चली गयीं तो ग्रामीणों को धूम्र ऋषि के कोप भाजन बनना पड़ता है, ऐसी ग्रामीणों में धारणा है।

आश्रम के दर्शन की इच्छा जताई

ग्रामीणों के मुताबिक गत 12 जुलाई को क्षेत्रीय विधायक मनीषा अनुरागी स्कूल में आयोजित कार्यक्रम के लिए गांव पहुंचीं। जहां लोगों ने आश्रम के दर्शन की इच्छा जताई। जिस पर विधायक मनीषा अनुरागी आश्रम पहुंच गई और धूम्र ऋषि के चबूतरे पर चढ़कर दर्शन करने लगी। यह देखकर ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। हालांकि उस समय विधायक से किसी ने कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की। ग्रामीणों ने विधायक मनीषा अनुरागी के गांव से जाते ही एक पंचायत की और सर्वसम्मति से गांव में मुनादी करा दी। सभी ग्रामीणों की सहमति से ऋषि के क्रोध को शांत करने के लिए इलाहाबाद में गंगा स्नान कराने का निर्णय लिया गया।

धूम्र ऋषि स्वरूप को संगम में कराया स्नान

आनन फानन में ग्रामीणों ने चंदा किया और धूम्र ऋषि के स्वरूप को आधा सैकड़ा ग्रामीण फूलों की सेज पर मंत्रोच्चार के साथ इलाहाबाद संगम ले गए। वहीं पूरे आश्रम की साफ सफाई करते हुए गंगाजल से पवित्र किया। जिस दिन धूम्र ऋषि को गंगा स्नान कराने इलाहाबाद ले गए। इन 16 दिनों में हमीरपुर के इस क्षेत्र में बारिश नहीं हुई। इलाहबाद से लौटने के बाद गांव में जोरदार बारिश होने लगी। विधायक मनीषा अनुरागी ने बताया कि वह स्कूल के कार्यक्रम में हिस्सा लेने गई थी। वहां दर्शन भी किए।

महिला के जाने से बनती अकाल की स्थिति 

ऐसी मान्यता है कि यहां आने वाला श्रद्धालु खाली हाथ नहीं लौटता है। मंदिर में महिलाओं के स्पर्श मात्र से ही धूम्र ऋषि क्रोधित हो जाते हैं फिर क्षेत्र में फसलों की पैदावारी तथा बारिश नहीं होती है। महिलाओं के स्पर्श होने पर चार दशक पहले सूखा और अकाल की स्थिति बन गई थी। विधायक ने बताया कि ग्रामीणों ने सदियों पुराने आश्रम के बारे में बताया था, से दर्शन करने गई थी, मान्यता की ऐसी जानकारी नहीं थी। साथ ही स्पष्ट किया कि वह ग्रामीणों से पूछकर मंदिर गई थी।

मंदिर का इतिहास

सतयुग में भगवान नारायण के गुरु धूम्र ऋषि थे। जिनका सदियों पुराना आश्रम क्षेत्र के मुस्करा खुर्द में बना हुआ है तथा इनकी समाधि मध्यप्रदेश के इंदौर की नर्वदा नदी के किनारे बनी है। ग्रामीणों की मान्यता के अनुसार भगवान धूम्र ऋषि का आगमन विजय दशमी के दिन होता है तथा यहां पर दीपावली से तीन दिन तक भव्य मेले का आयोजन होता है। जिसमें क्षेत्र के आसपास और दूर दूर से लोगों को जमावड़ा लगता है तथा बड़ी संख्या में लोग दीवारी नृत्य का आनंद लेते है। 

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