होगा जल संरक्षण, मिटेगा गंगा का प्रदूषण

स्मार्ट सिटी मिशन में पानी की बर्बादी रोकने के साथ ही गंगा को प्रदूषण से मुक्त किया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 15 Sep 2020 07:50 AM (IST) Updated:Tue, 15 Sep 2020 07:50 AM (IST)
होगा जल संरक्षण, मिटेगा गंगा का प्रदूषण
होगा जल संरक्षण, मिटेगा गंगा का प्रदूषण

राहुल शुक्ल, कानपुर :

स्मार्ट सिटी मिशन में पानी की बर्बादी रोकने के साथ ही गंगा को प्रदूषण से बचाने के लिए अनूठी पहल शुरू की गई है। धोबी घाट में रोज कपड़े धोने में हजारों लीटर पानी की बर्बादी और गंदा पानी गंगा में बहाने से बचाने के लिए रीसाइकल प्लांट लगाया जाएगा। तीन करोड़ की लागत से बन रहा प्लांट अगले वर्ष जनवरी से शुरू हो जाएगा। पानी को पुन: प्रयोग करने योग्य बनाने से प्रति वर्ष 72 लाख लीटर पानी बचेगा।

भैरोघाट के पास ब्रिटिश कालीन धोबी घाट है। यहां रोजाना एक से डेढ़ हजार कपड़े धोये जाते है। जिसमें हजारों लीटर पानी प्रयोग होता है। यह गंदा पानी सीधे गंगा में बहा दिया जाता है, जिससे गंगा प्रदूषित हो रही है। जिसे देखते हुए स्मार्ट सिटी मिशन के तहत अब धोबी घाट से निकलने वाले दूषित पानी को रीसाइकल किया जाएगा। इसके बाद पानी को ट्रीट करके फिर से प्रयोग किया जा सकेगा। ------------

एक नजर में प्रोजेक्ट स्थान - धोबी घाट (भैरोघाट के बगल में)

कब का बना- सौ साल पुराना

धोबी - सौ से ज्यादा

कपड़े रोज धुलते - एक से डेढ़ हजार

रोज पानी खर्च होता - 20 हजार लीटर

एक माह में - छह लाख लीटर

एक साल में - 72 लाख लीटर

प्रति व्यक्ति पानी की रोज जरूरत - 165 लीटर

प्यास बुझेगी - 43650 लोगों की

बचाया जाएगा - रीसाइकल प्लांट लगाकर लागत - तीन करोड़ रुपये (रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम और धोबी घाट का मरम्मत भी होगी)

काम शुरू हुआ- 30 अगस्त 2020

कंपनी - पीपीएस बिल्डर

काम पूरा होना है - जनवरी 2021 तक

स्मार्ट सिटी मिशन के तहत धोबी घाट में रीसाइकल प्लांट बनाया जा रहा है। काम चल रहा है। जनवरी में प्लांट चालू हो जाएगी। इससे पानी बर्बादी रुकने के साथ ही गंगा में भी गंदा पानी नहीं जाएगा।

- पूजा त्रिपाठी, प्रभारी स्मार्ट सिटी मिशन -------------

साबुन के पानी में वसा और कठोरता बढ़ जाती है। इससे पीएच को बढ़ाया जाता है और घुलित आक्सीजन कम होने लगती है। इस पानी का प्रयोग करने से पेट जनित बीमारियां होती है।

- डॉ. अमिता बाजपेयी, मुख्य जल विश्लेषक, जलकल विभाग

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