Bikru Case Update: विकास के मददगार रहे पूर्व इंस्पेक्टर विनय तिवारी और केके शर्मा ने नहीं दिया कोई जवाब
बिकरू कांड के मुख्य आरोपित हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की मदद करने वाले पुलिस कर्मियों में चौबेपुर इंस्पेक्टर और हल्का इंचार्ज का नाम एसआइटी की जांच में प्रमुख रूप से सामने आया था। दोनों ही विभागीय जांच में भी सहयोग नहीं कर रहे हैं।
कानपुर, जेएनएन। बिकरू कांड में एसआइटी की जांच में आरोपित करार दिए गए चौबेपुर के पूर्व एसओ विनय तिवारी और पूर्व हलका प्रभारी केके शर्मा विभागीय जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैैं। दोनों के खिलाफ सुनवाई चल रही है, मगर उन्होंने चार्जशीट का कोई जवाब नहीं दिया। समय सीमा गुजरने के बाद दोनों को नोटिस दिए जाने की तैयारी है। वहीं, इस प्रकरण में तीसरी सबसे अहम कड़ी बने सिपाही राजीव कुमार ने भी जवाब देने के बजाय चुप्पी साध ली है।
बिकरू कांड को लेकर गठित एसआइटी ने 11 सीओ और 37 अराजपत्रित पुलिस कर्मियों को इस प्रकरण के लिए दोषी माना था। इनके खिलाफ प्रकाश में आए उनके द्वारा किए गए कार्यों के आधार पर वृहद दंड, लघु दंड और विभागीय कार्रवाई के लिए प्रक्रिया चल रही है। चौबेपुर के पूर्व एसओ विनय तिवारी और हलका प्रभारी केके शर्मा सहित सात पुलिस कर्मियों की जांच एसपी साउथ दीपक भूकर कर रहे हैं।
जेल में बंद पूर्व एसओ व पूर्व हलका प्रभारी को जांच अधिकारी ने जेल में चार्जशीट भेजकर जवाब मांगा था। सात दिन के भीतर जवाब मिल जाना चाहिए था, मगर दस दिन बाद भी कोई जवाब नहीं मिला। ऐसे में दोनों को नोटिस देने की तैयारी है। वहीं, एसपी दीपक भूकर के पास सिपाही राजीव कुमार की भी जांच थी। राजीव कुमार वही सिपाही है, जिसे वारदात से ठीक पहले फोन करके विकास दुबे ने धमकी दी थी। राजीव से विकास दुबे की बातचीत के कई रिकॉर्ड मिले हैं। राजीव ने भी तय समय में जवाब नहीं दिया है।
जिन्होंने जवाब दिया, खुद को बताया बेकसूर
चार आरोपित पुलिसकर्मियों ने जवाब दे दिए हैं। एसआइ अजहर इशरत, विश्वनाथ मिश्रा, कुंवरपाल सिंह और अभिषेक कुमार ने खुद को बेकसूर बताते हुए विकास दुबे के बारे अधिक जानकारी न होना अपने द्वारा की गई लापरवाही का कारण बताया है।