Vikas Dubey News: दारोगा को विकास ने दी थी धमकी, गांव में पुलिस दिखी तो लाशों को नहीं मिलेंगे कंधे

एसटीएफ अफसरों को जांच में पता चला-घटना से नौ घंटे पहले पुलिस को फोन पर हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे ने धमकाया था।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Tue, 07 Jul 2020 10:50 AM (IST) Updated:Tue, 07 Jul 2020 10:50 AM (IST)
Vikas Dubey News: दारोगा को विकास ने दी थी धमकी, गांव में पुलिस दिखी तो लाशों को नहीं मिलेंगे कंधे
Vikas Dubey News: दारोगा को विकास ने दी थी धमकी, गांव में पुलिस दिखी तो लाशों को नहीं मिलेंगे कंधे

कानपुर, [गौरव दीक्षित]। बिकरू गांव में पुलिस पर कातिलाना हमला जितनी बड़ी घटना है, उसके पीछे का कारण उतना ही छोटा। निलंबित चौबेपुर थाना प्रभारी विनय तिवारी की विकास दुबे से निजी खुन्नस आठ जांबाजों के बलिदान की वजह बन गई। दैनिक जागरण ने जब पूरे घटनाक्रम को खंगाला तो पता चला कि विनय ने विकास दुबे के खिलाफ पारिवारिक विवाद की एक छोटी सी शिकायत को अपने लिए मौका बनाकर भुनाने की कोशिश की। इसी वजह से विवाद इस मोड़ तक आ पहुंचा। एसटीएफ के उच्चाधिकारियों को हलका संख्या-तीन के प्रभारी से पूछताछ में पता चला कि विकास ने घटना से करीब नौ घंटे पहले ही उन्हें धमकाया था कि पुलिस ने गांव में कदम रखा तो लाशें ढोने को कंधे नहीं मिलेंगे।

यह था पारिवारिक विवाद

विकास के रिश्ते के भतीजे शिवम की बहन की शादी मोहिनी नेवादा में हुई है, जबकि बहन की ननद की शादी पड़ोस के गांव जापेपुर में हुई। ननद के पति का नाम है राहुल तिवारी। यह वही राहुल तिवारी है जिसकी एफआइआर को आधार बनाकर ही पुलिस टीम दबिश डालने बिकरू पहुंची थी। राहुल की पत्नी मायके की संपत्ति में अपना हिस्सा मांग रही थी। उसने बाकायदा मोहिनी नेवादा में घर के एक हिस्से पर कब्जा कर लिया था और कुछ जमीन भी जोत ली थी। घर में हो रहे इस विवाद की जानकारी शिवम को उसकी बहन ने देकर मदद मांगी। शिवम ने जब यह बात विकास को बताई तो एक जुलाई को वह अपने गुर्गों के साथ मोहिनी नेवादा पहुंचा और खेत व मकान का हिस्सा राहुल के कब्जे से ले लिया।

वहां राहुल की पिटाई भी की गई। अपमानित राहुल थाने पहुंच गया चूंकि थाना प्रभारी विनय तिवारी की विकास से खुन्नस थी, इसलिए उसने मामले को तत्काल लपका और थानेदारी का रौब दिखाने के लिए वह राहुल को अपनी जीप में बैठाकर विकास के घर पहुंच गया। वहां थानेदारी की हवा तब निकल गई, जब विकास ने न केवल राहुल को पीटा, बल्कि विरोध करने पर थानेदार की भी पिटाई की और मोबाइल छीनकर भगा दिया। बताते हैं कि इस घटना के बाद राहुल को कप्तान के पास थानेदार ने ही भेजा और उसके बाद जो कुछ हुआ वह पुलिस के इतिहास में काले अध्याय के रूप में दर्ज हो गया।

बड़ी पुरानी है खुन्नस

अब सवाल यह है कि आखिर थानेदार और विकास के बीच खुन्नस किस बात की थी। पता चला कि होली के समय विकास का अपने चचेरे भाई अनुराग से विवाद हो गया था। अनुराग की शिकायत पर थानेदार बिकरू पहुंचे थे और उस दिन भी विवाद चरम पर पहुंच गया था। तब कुछ पुराने सिपाहियों ने बीच-बचाव कर मामला शांत करा दिया था, लेकिन दोनों के बीच उसी दिन से तलवारें खिंच गई थीं।

20 मिनट तक फोन पर धमकाया था हलका प्रभारी को

थानेदार ने राहुल को एसएसपी के पास भेजा है, इसकी जानकारी विकास को हो गई। उसने हलका प्रभारी केके शर्मा को शाम 4.16 बजे फोन कर करीब 20 मिनट तक धमकाकर कहा कि अगर पुलिस गांव में दाखिल हुई तो अंजाम बुरा होगा। इतनी गोलियां चलेंगी कि लाशें ढोने के लिए कंधे कम पड़ जाएंगे।

जेसीबी पार नहीं की निलंबित थाना प्रभारी ने

जांच में पता चला है कि दबिश को पूरी तरह से गोपनीय रखा गया था। सीओ और थाना प्रभारी विनय को छोड़कर किसी को यह पता नहीं था कि दबिश कहां पड़ेगी और जहां जा रहे हैं, वह अपराधी कैसा है। पुलिसकर्मियों को अंदाजा नहीं था कि वहां पहुंचते ही उनका सामना गोलीबारी से होगा। खास बात यह है कि निलंबित चौबेपुर थाना प्रभारी सबसे पीछे चल रहे थे। उन्होंने जेसीबी तक पार नहीं की और गोलियां चलते ही भाग खड़े हुए। 

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