UP BEd JEE 2020: थर्मल स्कैनर, पल्स आॅक्सीमीटर व सैनिटाइजिंग से गुजरे परीक्षार्थी, शिक्षकों ने पहनी पीपीई किट

कोरोना संक्रमण के चलते बीएड प्रवेश परीक्षा में नियमों को पालन कराया गया कानपुर में 30 फीसद परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sun, 09 Aug 2020 11:31 AM (IST) Updated:Sun, 09 Aug 2020 11:31 AM (IST)
UP BEd JEE 2020: थर्मल स्कैनर, पल्स आॅक्सीमीटर व सैनिटाइजिंग से गुजरे परीक्षार्थी, शिक्षकों ने पहनी पीपीई किट
UP BEd JEE 2020: थर्मल स्कैनर, पल्स आॅक्सीमीटर व सैनिटाइजिंग से गुजरे परीक्षार्थी, शिक्षकों ने पहनी पीपीई किट

कानपुर, जेएनएन। कोरोना संक्रमण काल में पहली प्रवेश परीक्षा सावधानी के साथ नियमों का पालन करते हुए शुरू हुई है। बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा-2020 में प्रवेश पत्र से ज्यादा ध्यान परीक्षार्थियों के पास मास्क व सैनिटाइजर की उपलब्धता पर रहा। थर्मल स्कैनर, पल्स आॅक्सीमीटर व सैनिटाइजिंग से गुजरने के बाद परीक्षार्थियों को प्रवेश मिला तो कुछ केंद्रों पर शिक्षक भी पीपीई किट पहनकर ड्यूटी करते नजर आए। शहर में बीएड प्रवेश परीक्षा के लिए 68 केंद्र बनाए गए, जिनमें 31 हजार परीक्षार्थियों के बैठने की व्यवस्था की गई। कोरोना से बचाव व अन्य कारणों से सुबह नौ से 12 बजे की पहली पाली में 30 फीसद परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे।

परीक्षा केंद्रों पर एक घंटा पहले से परीक्षार्थियों को प्रवेश देने का सिलसिला शुरू हुआ, इस दौरान शारीरिक दूरी का पालन सबसे अहम रहा। बैठक व्यवस्था के दौरान परीक्षार्थियों के पास मास्क और सैनेटाइजर की उपलब्धा जांची गई। परीक्षा केंद्रों में सुबह और शाम की पॉली में कक्षाओं का सैनिटाइजेशन कराने के लिए प्रति अभ्यर्थी 20 रुपये दिए गए हैं। सुबह की शिफ्ट में सैनिटाइजेशन किया गया है, जबकि दोपहर के लिए इंतजाम कर लिया गया है।

हर सहाय डिग्री काॅलेज में थर्मल स्कैनर व पल्स आॅक्सीमीटर से परीक्षार्थियों की जांच करने वाले शिक्षकों को पीपीई किट दी गईं। इस काॅलेज में 500 परीक्षार्थियों की बैठक व्यवस्था की गई, जिसमें 250 अनुपस्थित रहे। डीजी डिग्री काॅलेज में भी थर्मल स्क्रीनिंग के बाद परीक्षार्थियों को प्रवेश मिला, यहां तीन सौ में 229 परीक्षार्थी परीक्षा देने पहुंचे। डीएवी डिग्री काॅलेज में 60 फीसद उपस्थिति रही, जबकि डीबीएस डिग्री काॅलेज में एक हजार में 730 परीक्षार्थी ही पहुंचे। पीपीएन डिग्री काॅलेज और वीएसएसडी डिग्री काॅलेज में एक हजार में 252 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे।

कई शिक्षकों ने ड्यूटी ने नाम कटाया

बीएड प्रवेश परीक्षा की ड्यूटी से कई शिक्षकों ने नाम कटा लिया जिनके स्थान पर काॅलेजों को दूसरे कक्ष निरीक्षक व परीक्षार्थियों की जांच करने के लिए कर्मचारी नियुक्त करने पड़े। किसी ने अधिक उम्र होने के कारण ड्यूटी करने में असमर्थता जताई है तो किसी ने बीमारी की बात कहकर अपना नाम हटवाया।

बुखार वाले परीक्षार्थियों को अलग बिठाया

बीएड प्रवेश परीक्षा के शहर समन्वयक छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डाॅ. संदीप सिंह ने बताया कि परीक्षा केंद्रों में ऐसे परीक्षार्थियों को अलग बिठाए जाने के निर्देश दिए गए हैं, जिन्हें बुखार व जुकाम की शिकायत हो। सभी परीक्षार्थियों के प्रवेश के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति व प्रवेश पत्र की फोटो कापी अनिवार्य रखी गई है। लखऊ विश्वविद्यालय की टीम के साथ सुबह की पाली में काॅलेजों में निरीक्षण किया है।

इस बार कम रही उपस्थिति

स्ववित्तपोषित महाविद्यालय एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय त्रिवेदी ने बताया कि बीएड प्रवेश परीक्षा में औसतन 90 फीसद तक उपस्थिति रहती थी। इस बार यह बहुत कम हो गई है जिसके असर प्रवेश पर पड़ना स्वाभाविक है। प्रदेश सरकार को प्रवेश परीक्षा में शामिल न होने वाले छात्र छात्राओं को भी अंतिम काउंसिलिंग में दाखिले की अनुमति देनी चाहिए जिससे काॅलेज की सीटें भर सकें।

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