नेपाल से बेचने के लिए लाई गई पौने दो करोड़ की चरस पकड़ी गई, दो तस्कर गिरफ्तार

एसटीएफ टीम ने मंधना क्रॉङ्क्षसग के पास पकड़ाचौबेपुर के चरस विक्रेता ने मंगाई थी 35 किलोग्राम चरस।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sat, 06 Jun 2020 11:35 PM (IST) Updated:Sat, 06 Jun 2020 11:35 PM (IST)
नेपाल से बेचने के लिए लाई गई पौने दो करोड़ की चरस पकड़ी गई, दो तस्कर गिरफ्तार
नेपाल से बेचने के लिए लाई गई पौने दो करोड़ की चरस पकड़ी गई, दो तस्कर गिरफ्तार

कानपुर, जेएनएन। नेपाल के बीरगंज से यूपी, बिहार, दिल्ली व अन्य राज्यों में चरस की तस्करी करने वाले दो शातिर बदमाशों को एसटीएफ ने मंधना क्रॉङ्क्षसग के पास दबोच लिया। उनके पास तीन बैग में 35 किलो चरस बरामद हुई, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत पौने दो करोड़ रुपये आंकी गई है। बिठूर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।

बाइक में तीन बैग में लेकर आ रहे थे दोनों

एसटीएफ को सूचना मिली थी कि नेपाल से चरस की बड़े पैमाने पर तस्करी की जा रही है। लॉकडाउन-4 की समाप्ति के बाद तस्करी का यह खेल दोबारा शुरू हुआ तो टीम बसों और ट्रेनों पर नजर रख रही थी। शनिवार दोपहर एसटीएफ कानपुर यूनिट को सूचना मिली कि तस्कर चरस लेकर लखनऊ के रास्ते कानपुर आ रहे हैं। टीम के इंस्पेक्टर शैलेंद्र कुमार ङ्क्षसह ने बिठूर पुलिस की मदद से दो तस्करों को मंधना क्रॉङ्क्षसग के पास पचौर रोड पर दबोच लिया।

एसटीएफ के सीओ तेजबहादुर ङ्क्षसह ने बताया कि आरोपितों में एक ने अपना नाम बिहार के पश्चिमी चंपारन के थाना नवतन के धूमनगर सोफवाटोला निवासी राजकिशोर राम और दूसरे ने चौबेपुर के रमेशपुर निगोही गांव निवासी महेश बताया। सीओ के मुताबिक महेश का पिता शैलेंद्र ङ्क्षसह कानपुर व आसपास के जिलों में नशीले पदार्थों की डिलीवरी कराता है। उसकी तलाश जारी है।

नेपाल-बिहार बार्डर पर चरस करते एकत्र

एसटीएफ के मुताबिक तस्करी के लिए नेपाल से आने वाली चरस को नेपाल बिहार बार्डर पर एक गुप्त स्थान पर एकत्र किया जाता है। नेपाल में बीरगंज का रहने वाला असलम गिरोह का सरगना है और बिहार के अपने सप्लायर गुडिय़ा सोनी, राजकिशोर आदि के जरिए माल भारत में पहुंचाता है। राजकिशोर रक्सौल से माल लेकर लखनऊ आया था और फिर लखनऊ से महेश की बाइक से यहां आया।  

chat bot
आपका साथी