दर्दनाक हादसे में बुझ गये दो घरों के चिराग, छिन गया मां व बहन का सहारा
कन्नौज में परीक्षा देने जा रहे दो छात्रों की रोडवेज से कुचलकर मौत।
कन्नौज, जेएनएन। सौरिख थाना क्षेत्र में मंगलवार की सुबह एक दर्दनाक हादसे में दो घरों के चिराग बुझ गये, वहीं एक मां व बहन का सहारा छिन गया। बिधूना रोड पर रोडवेज बस से कुचलकर बाइक सवार दो छात्रों की मौत हो गई। बाइक सवार दोनों छात्र बीएससी की परीक्षा देने औरैया की ओर जा रहे थे। हादसे के बाद चालक-परिचालक रोडवेज बस छोड़कर फरार हो गए।
बिधूना मार्ग पर रोडवेज बस ने कुचला
फर्रुखाबाद के अमृतपुर निवासी वैभव मिश्रा अपने साथी शरद पाठक के साथ बाइक से औरैया जनपद के ऐरवा कटरा स्तिथ डीबीएस महाविद्यालय में बीएससी की परीक्षा देने जा रहे थे। सौरिख थाना क्षेत्र के बिधूना मार्ग पर रोडवेज बस ने उनकी बाइक में टक्कर मार दी और सड़क पर गिरे दोनों छात्रों को कुचल दिया। हादसे में वैभव की घटनास्थल पर मौत हो गई, जबकि पुलिस ने शरद को सामुदायिक स्वस्थ केंद्र में भर्ती कराया। इलाज के दौरान शरद ने भी दम तोड़ दिया। पुलिस ने छात्रों के परिजनों को हादसे की जानकारी दी। वहीं रोडवेज बस का चालक व परिचालक फरार हो गए।
पिता व ताऊ की मौत के बाद परिवार पाल रहा था शरद
फर्रुखाबाद अमृतपुर के गांव कुबेरपुर निवासी बाइस वर्षीय शरद पाठक घर का इकलौता चिराग और सहारा था। उसकी मौत की खबर मिलते ही मां रामलता और बहन गश खाकर गिर गई। पड़ोसियों ने बताया कि शरद के पिता मोहन पाठक की करीब 10 वर्ष पहले ही मौत हो गई थी। इसके बाद उनके बड़े भाई जगतनरायन पाठक ने परिवार की जिम्मेदारी संभाल रखी थी। डेढ़ वर्ष पहले जगत नरायन की भी मौत हो गई। इसके बाद परिवार के भरण पोषण की जिम्मेदारी शरद पर आग गई। शरद ट्यूशन पढ़ाकर अपनी पढ़ाई के साथ घर चला रहा था। शरद की मौत से मां रामलता और बहन गंगा का सहारा छिन गया। रामलता रो रोकर कहती रहीं कि अब उन्हें रोटी कौन देगा, गंगा की शादी कैसे होगी। मां-बेटी का करुण क्रंदन देखकर हर किसी की आंखें नम हो गईं।
बिधूना मार्ग पर रोडवेज बस ने कुचला
फर्रुखाबाद के अमृतपुर निवासी वैभव मिश्रा अपने साथी शरद पाठक के साथ बाइक से औरैया जनपद के ऐरवा कटरा स्तिथ डीबीएस महाविद्यालय में बीएससी की परीक्षा देने जा रहे थे। सौरिख थाना क्षेत्र के बिधूना मार्ग पर रोडवेज बस ने उनकी बाइक में टक्कर मार दी और सड़क पर गिरे दोनों छात्रों को कुचल दिया। हादसे में वैभव की घटनास्थल पर मौत हो गई, जबकि पुलिस ने शरद को सामुदायिक स्वस्थ केंद्र में भर्ती कराया। इलाज के दौरान शरद ने भी दम तोड़ दिया। पुलिस ने छात्रों के परिजनों को हादसे की जानकारी दी। वहीं रोडवेज बस का चालक व परिचालक फरार हो गए।
पिता व ताऊ की मौत के बाद परिवार पाल रहा था शरद
फर्रुखाबाद अमृतपुर के गांव कुबेरपुर निवासी बाइस वर्षीय शरद पाठक घर का इकलौता चिराग और सहारा था। उसकी मौत की खबर मिलते ही मां रामलता और बहन गश खाकर गिर गई। पड़ोसियों ने बताया कि शरद के पिता मोहन पाठक की करीब 10 वर्ष पहले ही मौत हो गई थी। इसके बाद उनके बड़े भाई जगतनरायन पाठक ने परिवार की जिम्मेदारी संभाल रखी थी। डेढ़ वर्ष पहले जगत नरायन की भी मौत हो गई। इसके बाद परिवार के भरण पोषण की जिम्मेदारी शरद पर आग गई। शरद ट्यूशन पढ़ाकर अपनी पढ़ाई के साथ घर चला रहा था। शरद की मौत से मां रामलता और बहन गंगा का सहारा छिन गया। रामलता रो रोकर कहती रहीं कि अब उन्हें रोटी कौन देगा, गंगा की शादी कैसे होगी। मां-बेटी का करुण क्रंदन देखकर हर किसी की आंखें नम हो गईं।