दसवीं पास छात्र की कंपनी का टर्नओवर एक करोड़ रुपये
मुंबई के अद्वित ठाकुर कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने से पहले ही अपना स्टार्टअप स्थापित कर चुके हैं।
कानपुर, जेएनएन। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन से 10वीं की बोर्ड परीक्षा पास करने वाले मुंबई के अद्वित ठाकुर कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने से पहले ही अपना स्टार्टअप स्थापित कर चुके हैं। 15 वर्षीय छात्र इन दिनों आइआइटी की तैयारी कराने वाले 'पेस एजुकेशन' से इंटीग्रेटेड कोर्स कर रहे हैं। 11वीं की पढ़ाई के साथ वह 'इंटरनेट ऑफ थिंग्स' व 'मशीन लर्निग' के जरिए एक ऐसा एप बना रहे हैं जो 'मरीज, अस्पताल व बीमा कंपनी' को एक मंच पर ले आएगा, जिससे मरीजों को सहूलियत मिलेगी। इस समय उनकी कंपनी का टर्नओवर एक करोड़ रुपये है।
हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय (एचबीटीयू) में रविवार को ई-समिट के दौरान उन्होंने अपना उदाहरण पेश करते हुए बीटेक छात्रों को उद्यमिता के टिप्स दिए। कहा कि 10वीं कक्षा से पहले डिजिटल मार्केटिंग के लिए सस्ती व आधुनिक तकनीक विकसित करते हुए स्टार्टअप शुरू किया। मुंबई जैसे शहर में डिजिटल टेक्नोलॉजी का बेहद इस्तेमाल किया जाता है। हर वर्ग इससे किसी न किसी रूप से जुड़ा हुआ है। अब वह इंटरनेट ऑफ थिंग्स व मशीन लर्निग का इस्तेमाल करके एक ऐसा एप बना रहे हैं जो मरीजों के इलाज की मुश्किलें आसान बनाएगा।
नौकरी लेने वाले नहीं देने वाले बनें टेक्नोक्रेट
नोएडा से आए कंपनी प्रोफेशनल व इंटरप्रेन्योर राधाकांत जायसवाल ने बताया कि छात्रों को नौकरी लेने वाले नहीं देने वाले बनना चाहिए। यही समय की मांग भी है। मेडिकल, इलेक्ट्रॉनिक व सर्जिकल स्टार्टअप स्थापित कर चुके राधाकांत ने छात्रों को उद्यमिता के टिप्स दिए।
अनुभव के बाद शुरू करें स्टार्टअप
जेजे स्कूल ऑफ इंप्लायबिलिटी के संस्थापक जोगेश कैलाश चंद्र जैन ने बताया कि स्टार्टअप शुरू करने के लिए अनुभव जरूरी है। इसके लिए किसी भी ऐसी सामाजिक समस्या का सस्ता तकनीकी समाधान तलाशने की जरूरत है, जिससे अधिक से अधिक लोग जुड़े हुए हों। वहीं सिंपली सोल्यूशन के सीईओ रोमेश वर्मा ने स्टार्टअप के लिए प्रबंधन को जरूरी बताया।
हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय (एचबीटीयू) में रविवार को ई-समिट के दौरान उन्होंने अपना उदाहरण पेश करते हुए बीटेक छात्रों को उद्यमिता के टिप्स दिए। कहा कि 10वीं कक्षा से पहले डिजिटल मार्केटिंग के लिए सस्ती व आधुनिक तकनीक विकसित करते हुए स्टार्टअप शुरू किया। मुंबई जैसे शहर में डिजिटल टेक्नोलॉजी का बेहद इस्तेमाल किया जाता है। हर वर्ग इससे किसी न किसी रूप से जुड़ा हुआ है। अब वह इंटरनेट ऑफ थिंग्स व मशीन लर्निग का इस्तेमाल करके एक ऐसा एप बना रहे हैं जो मरीजों के इलाज की मुश्किलें आसान बनाएगा।
नौकरी लेने वाले नहीं देने वाले बनें टेक्नोक्रेट
नोएडा से आए कंपनी प्रोफेशनल व इंटरप्रेन्योर राधाकांत जायसवाल ने बताया कि छात्रों को नौकरी लेने वाले नहीं देने वाले बनना चाहिए। यही समय की मांग भी है। मेडिकल, इलेक्ट्रॉनिक व सर्जिकल स्टार्टअप स्थापित कर चुके राधाकांत ने छात्रों को उद्यमिता के टिप्स दिए।
अनुभव के बाद शुरू करें स्टार्टअप
जेजे स्कूल ऑफ इंप्लायबिलिटी के संस्थापक जोगेश कैलाश चंद्र जैन ने बताया कि स्टार्टअप शुरू करने के लिए अनुभव जरूरी है। इसके लिए किसी भी ऐसी सामाजिक समस्या का सस्ता तकनीकी समाधान तलाशने की जरूरत है, जिससे अधिक से अधिक लोग जुड़े हुए हों। वहीं सिंपली सोल्यूशन के सीईओ रोमेश वर्मा ने स्टार्टअप के लिए प्रबंधन को जरूरी बताया।