आयकर विभाग ने तीन सरकारी विभागों में पकड़ा बड़ा घपला, करोड़ों की डाटा इंट्री डिलीट

आयकर अधिकारियों ने उत्तराखंड में राज्य सरकार के तीन विभागों में डाटा डिलीट कर टीडीएस में घपला करने का मामला पकड़ा है।

By Edited By: Publish:Sat, 30 Mar 2019 01:37 AM (IST) Updated:Sat, 30 Mar 2019 10:47 AM (IST)
आयकर विभाग ने तीन सरकारी विभागों में पकड़ा बड़ा घपला, करोड़ों की डाटा इंट्री डिलीट
आयकर विभाग ने तीन सरकारी विभागों में पकड़ा बड़ा घपला, करोड़ों की डाटा इंट्री डिलीट
कानपुर,[राजीव सक्सेना]। आयकर अधिकारियों ने उत्तराखंड में राज्य सरकार के तीन विभागों में डाटा डिलीट कर टीडीएस में घपला करने का मामला पकड़ा है। अकेले सिंचाई विभाग में ही करीब दो करोड़ रुपये की इंट्री खत्म कर दी गईं। अधिकारियों के मुताबिक जिस तरह उत्तराखंड सरकार के अधिकारी टीडीएस में फ्रॉड कर रहे हैं, उसी तरह की स्थिति उत्तर प्रदेश में भी है। प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त (पश्चिम उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड) प्रमोद कुमार गुप्ता ने दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी है।
अचानक घट गई टीडीएस की मांग
पत्र में कहा है कि राज्य सरकार के विभागों के कर्मचारियों को समझाएं और आंकड़े सही करके 31 मार्च तक टैक्स जमा करने के लिए कहें। चार अप्रैल को लखनऊ में प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त प्रमोद कुमार गुप्ता व आयकर आयुक्त (टीडीएस) मनीष मिश्रा मुख्य सचिव के साथ बैठक भी करेंगे। आयकर अफसरों के मुताबिक उत्तराखंड के सिंचाई, पर्यटन व वन विभाग के आंकड़े देखने पर पाया कि पहले तो टीडीएस की मांग काफी थी, लेकिन बाद में अचानक काफी घट गई।
सर्वे में हुई थी पुष्टि
सिंचाई विभाग में पाया गया कि 1,95,75,250 रुपये की मांग घटकर 3,19,310 रुपये रह गई। इसमें 1,87,338 रुपये ही जमा हुए। यानी, 1.9 करोड़ रुपये का डाटा डिलीट कर दिया गया। विभागों के सर्वे में डाटा डिलीट की पुष्टि भी हो गई। अधिकारियों के मुताबिक कर्मचारियों को यह उम्मीद थी कि पहले फीड किए गए डाटा को कोई देख नहीं रहा होगा। पर, सर्वे के दौरान विभागों से वे रजिस्टर भी मिल गए, जिन पर टीडीएस काटने के आंकड़े दर्ज थे। इनके मिलान में बड़ी संख्या में डाटा डिलीट करने की पुष्टि हुई।
ज्यादातर डाटा ठेकेदारों का
ज्यादातर डिलीट किया गया डाटा ठेकेदारों के भुगतान से जुड़ा है। ठेकेदार टीडीएस कटवाना नहीं चाहते और कर्मचारी डाटा डिलीट करके उन्हें लाभ पहुंचाते हैं। राज्य सरकार के कर्मचारियों के इस खेल को पकडऩे के बाद प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त ने उप्र के मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय व उत्तराखंड के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह को पत्र भेजे हैं। 27 मार्च को देहरादून में आयकर विभाग के एडीशनल कमिश्नर व डिप्टी कमिश्नर ने उत्तराखंड के वित्त सचिव के साथ सिंचाई, वन, पर्यटन और पीडब्ल्यूडी विभाग के शीर्ष अफसरों के साथ बैठक भी की थी।
हो सकती है कड़ी कार्रवाई
अधिकारियों के मुताबिक अगर कर्मचारियों ने आंकड़े ठीक करके टैक्स नहीं दिया तो मामला अन्य जांच एजेंसियों तक जा सकता है। इसमें उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो जाएगी।
टैन के जरिये पकड़े गए
सरकारी विभाग जब किसी ठेकेदार को भुगतान करते हैं तो खास टैन के जरिये ही टीडीएस कटौती की राशि आयकर के साफ्टवेयर में दर्ज कर देते हैं। यहीं से यह घपलेबाजी पकड़ में आई। उत्तराखंड व पश्चिमी उप्र में करीब 18 हजार टैन आवंटित हैं।
सरकारी टैन आवंटी रेंज संख्या कानपुर 3,024 आगरा 3,393 गाजियाबाद 4,433 अलीगढ़ 1,667 देहरादून 6,392
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