शरीर में लक्षण कोरोना जैसे तो दिख रहे हैं, लेकिन जांच कराने से हिचकिचा रहे अधिकारी

माध्यमिक शिक्षा विभाग के एक शिक्षक की ड्यूटी पंचायत चुनाव में कल्याणपुर ब्लाक में लगायी गई है। उन्होंने चुनाव की ट्रेनिंग तो ले ली लेकिन अब बुखार और खांसी से परेशान हैं। परिजनों ने सलाह दी कि टेस्ट करवा लीजिए लेकिन वह खुद टेस्ट नहीं कराना चाहते हैं।

By Akash DwivediEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 03:14 PM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 03:14 PM (IST)
शरीर में लक्षण कोरोना जैसे तो दिख रहे हैं, लेकिन जांच कराने से हिचकिचा रहे अधिकारी
माध्यमिक शिक्षा विभाग के एक शिक्षक की ड्यूटी पंचायत चुनाव में कल्याणपुर ब्लाक में लगायी गई

कानपुर, जेएनएन। पंचायत चुनाव के लिए कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जा चुकी है। ऐसे में जिन्हेंं पंचायत चुनाव कराने हैं वह कोविड संक्रमण के बढ़ते प्रकोप से परेशान हैं इसलिए पंचायत चुनाव की ड्यूटी नहीं करना चाहते हैं। शरीर में लक्षण भी कोविड जैसे दिख रहे हैं लेकिन खुद जांच कराना नहीं चाहते। ऐसे में यह कर्मचारी प्रशासनिक अधिकारियों से मांग कर रहे हैं कि ड्यूटी पर भेजने से पहले उनकी जांच करायी जाए। अब प्रशासनिक अफसरों के लिए यह बड़ी समस्या है क्यों कि जिस तरह से संक्रमित निकल रहे हैं, ऐसे में जांच कराना भारी न पड़ जाए। यदि कर्मचारी बड़ी संख्या में संक्रमित निकल जाए तो चुनाव ड्यूटी प्रभावित होगी। इसलिए अधिकारी भी अपना पल्ला झाड़ रहे हैं।

माध्यमिक शिक्षा विभाग के एक शिक्षक की ड्यूटी पंचायत चुनाव में कल्याणपुर ब्लाक में लगायी गई है। उन्होंने चुनाव की ट्रेनिंग तो ले ली, लेकिन अब बुखार और खांसी से परेशान हैं। परिजनों ने सलाह दी कि टेस्ट करवा लीजिए लेकिन वह खुद टेस्ट नहीं कराना चाहते हैं। दरअसल वह चुनाव ड्यूटी कटवाने के लिए अफसरों के सामने पेश हो चुके हैं, लेकिन अफसरों ने ड्यूटी काटने से साफ इन्कार कर दिया। स्वास्थ्य खराब होने के बाद अब वह पशोपेश में है कि टेस्ट कराएं अथवा नहीं।

शिक्षक चाहते हैं कि प्रशासनिक अधिकारी इसके लिए निर्देश जारी करें। इसके लिए उन्होंने शिक्षक नेता से संपर्क किया है। उन्होंने अफसरों से एप्रोच भी लगा दी है। अब अफसरों ने कोविड जांच के सार्वजनिक निर्देश जारी कर दिए तो विभाग में उनकी तूती बोलने लगेगी। बहरहाल शिक्षक खुद इस बात को लेकर सशंकित हैं कि अफसर सार्वजनिक जांच के आदेश देंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि जिस तरह से संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है उसे लेकर अफसर चिंतित हैं। पंचायत चुनाव में वह कोई रिस्क लेना नहीं चाहते हैं।

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