व्यावसायिक इमारतों में पार्किंग की जगह स्टोर और दुकान, कानपुर की बाजारों में सड़क पर खड़े होते वाहन

कानपुर महानगर में ज्यादातर व्यावसायिक इमारतों में बने बेसमेंट में व्यावसायिक गतिविधियाें का संचालन किया जा रहा है। बाजारों में सड़कों पर पार्किंग होने से जाम लगता है और वाहनों के धुएं से प्रदूषण की समस्या भी बढ़ जाती है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sun, 29 Nov 2020 07:46 AM (IST) Updated:Sun, 29 Nov 2020 07:46 AM (IST)
व्यावसायिक इमारतों में पार्किंग की जगह स्टोर और दुकान, कानपुर की बाजारों में सड़क पर खड़े होते वाहन
कानपुर शहर में ज्यादातर व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में पार्किंग नहीं है।

कानपुर, जेएनएन। ट्रैफिक सुधार को लेकर बड़ी-बड़ी बैठकें और कार्ययोजना तैयार हो रही है, वहीं केडीए अभियंता और बिल्डरों की दोस्ती ट्रैफिक सुधार प्लान की धज्जियां उड़ाने में लगे हैं। 80 फीसद व्यावसायिक इमारतों में कागज में तो पार्किंग है, लेकिन मौके पर स्टोर और दुकानें बनी हैं। ऐसे में सड़क पर वाहन खड़े होने से जाम लग रहा है। जाम में फंसते वाहनों से निकलते धुएं से वायु प्रदूषण भी बढ़ रहा है।

शहर में पार्किंग के नाम पर 80 फीसद इमारतों में बेसमेंट बने हैं, लेकिन पार्किंग की जगह दुकानें या स्टोर रूम बनाकर बिल्डरों ने बेच दिया है। केडीए के अभियंताओं ने दिखाने के लिए कार्रवाई भी की, लेकिन इमारतें सिर्फ कागज में सील नजर आ रही हैं। आर्यनगर चौराहे में तीन साल पहले एक इमारत सील की गई थी। इसमें दुकानें बना दी गईं, पर वाहनों के खड़े करने की व्यवस्था नहीं है। बिल्डर ने इमारत बनाकर बेच दी है। गोविंद नगर में दो बार इमारत सील की गई, लेकिन बिल्डर ने पूरी बिल्डिंग बना दी और कोई कार्रवाई नहीं हुई।

अशोक नगर में एक इमारत सील की गई। कोर्ट में मामला होने पर भी सील खोलकर बन गई। सीसामऊ से जीटी रोड के बीच में जवाहर नगर में सील हुई एक इमारत बन चुकी है। बेसमेंट में स्टोर बनाया जा रहा है। 80 फीट रोड में एक निर्माण सील हुआ, पर लॉकडाउन के समय सील हटाकर काम किया जा रहा है। प्रेमनगर, चमनगंज, ब्रह्मनगर, सिविल लाइंस में सील इमारतें बनकर बिक भी गईं या दुकानें बन गई हैं। खोवा मंडी में सील इमारत में दो स्टोरी बेसमेंट बन गया है। कुली बाजार में बेसमेंट के कारण दो जर्जर मकान गिराने के बाद व्यापारियों ने विरोध शुरू कर दिया है।

क्षेत्रीय पार्षद अभिषेक गुप्ता ने मानक के विपरीत हालसी रोड व खोवा मंडी में बन रहीं इमारतों का लेखाजोखा अपर सचिव को दिया है। पीरोड, जवाहर नगर, नेहरू नगर, पनकी, श्यामनगर, गोविंद नगर, कौशलपुरी, किदवई नगर, जाजमऊ, स्वरूप नगर समेत कई जगह मानक के विपरीत निर्माण चल रहे हैं। मंडलायुक्त के आदेश पर पिछले दिनों नक्शे पर बनी 631 इमारतों का सर्वे हुआ तो 113 में ही पार्किंग मिली। इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि कितनी इमारतों में मानक का पालन हो रहा है।

433 इमारतों में शासन ने मांगी रिपोर्ट

केडीए बोर्ड सदस्य लखन रावत और प्रमोद बार्डर ने शहर में मानक के विपरीत बन रहीं 433 इमारतों की शिकायत शासन में की थी। शासन ने रिपोर्ट तलब की है। एक-एक इमारत की जांच चल रही है। पूर्व उपाध्यक्ष जयश्री भोज के कार्यकाल से लेकर अब तक सात सौ से ज्यादा इमारतें सील हो गई हैं। अगर इनकी जांच फिर से हो जाए तो 60 फीसद से ज्यादा बनकर बिक गई होंगी। शहर की इमारतों में बने बेसमेंट की जांच चल रही है। अगले हफ्ते तक रिपोर्ट आ जाएगी। उसको देख लेने के बाद ही कुछ बताया जा सकेगा। -गुणाकेश शर्मा, अपर सचिव केडीए

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