झांसा देकर युवती से दुष्कर्म करता रहा सैन्यकर्मी, सुनाई गई दस वर्ष कैद और दो लाख रुपये जुर्माने की सजा

जुर्माने की राशि पीडि़ता और उसके बच्चे को दी जाएगी। पीडि़ता ने नौबस्ता ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। सहायक शासकीय अधिवक्ता के मुताबिक न्यायालय ने दोषी पाते हुए सजा सुनाई। एक अन्य आरोपित धनीराम ङ्क्षसह उर्फ धन्नी को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Fri, 12 Feb 2021 08:35 AM (IST) Updated:Fri, 12 Feb 2021 09:43 AM (IST)
झांसा देकर युवती से दुष्कर्म करता रहा सैन्यकर्मी, सुनाई गई दस वर्ष कैद और दो लाख रुपये जुर्माने की सजा
दस वर्ष तक कैद की सजा सुनाए जाने की सांकेतिक तस्वीर।

कानपुर, जेएनएन। शादी का झांसा देकर युवती से दुष्कर्म और शादी से पहले मां बनाने के एक मामले में फास्ट ट्रैककोर्ट (महिला विरुद्ध अपराध) की न्यायाधीश तनु भटनागर ने सैन्यकर्मी को 10 वर्ष कैद और दो लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माने की धनराशि पीडि़ता व उसके बच्चे को दी जाएगी।

क्या था पूरा मामला 

शहर निवासी एक युवती ने वर्ष 2012 में कानपुर देहात के मुर्रा गांव स्थित अपनी मौसेरी बहन के घर रहकर इंटर की परीक्षा दी थी। इसी दौरान पड़ोसी के रिश्तेदार नौबस्ता निवासी महेश सिंह भदौरिया उर्फ दीनू से जान-पहचान और दोस्ती हो गई। वह सेना में जवान (वर्तमान में राजस्थान के जैसलमेर में तैनात) था। बतौर आरोप महेश ने शादी का प्रस्ताव रखा। महेश के स्वजन ने 10 लाख रुपये दहेज मांगा तो पीडि़ता के स्वजन ने असमर्थता जताई।  महेश ने दहेज लेने से इन्कार कर शादी तय कर ली। सहायक शासकीय अधिवक्ता विनोद त्रिपाठी और इंद्रलता शुक्ला के मुताबिक 14 जनवरी 2014 में पीडि़ता विश्वबैंक बर्रा स्थित अपनी सगी बहन के घर गई तो महेश उसे अपने भाई-भाभी से मिलाने नौबस्ता ले गया और वहां संबंध बनाए। शादी का झांसा देकर उसने सप्ताह भर शोषण किया। इसी दौरान वह गर्भवती हो गई। उसने महेश को यह बात बताई तो वह शादी का आश्वासन देता रहा। जून 2014 में महेश छुट्टी पर घर आया और 10 लाख रुपये दहेज की मांग करते हुए शादी से इन्कार कर दिया। सहायक शासकीय अधिवक्ता के मुताबिक 31 जुलाई 2014 को उसने दूसरी युवती से कोर्ट मैरिज कर ली। इस पर पीडि़ता ने नौबस्ता ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। सहायक शासकीय अधिवक्ता के मुताबिक न्यायालय ने दोषी पाते हुए सजा सुनाई। एक अन्य आरोपित धनीराम ङ्क्षसह उर्फ धन्नी को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया।

डीएनए टेस्ट से कर दिया था इन्कार

पीडि़ता ने 21 अक्टूबर 2014 को बेटे का जन्म दिया। महेश ने गलत आरोप लगाते हुए खुद को पाक-साफ बताया। पीडि़ता ने डीएनए टेस्ट कराने की बात कही थी जिससे महेश ने इन्कार कर दिया था।

28 जनवरी को दोषी करार दिया था

सहायक शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि न्यायालय ने महेश को बीती 28 जनवरी को दोषसिद्ध करार दिया था। इस पर सैन्यकर्मी ने छुट्टी न मिलने की बात कहते हुए तारीख की मांगी। कोर्ट ने उसके प्रार्थना पत्र को खारिज कर गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। गुरुवार को महेश कोर्ट में हाजिर हुआ तो उसे सजा सुनाई गई।

इन धाराओं में मिली सजा

- धारा-376 में दस वर्ष दो लाख जुर्माना। जुर्माना अदा न करने पर तीन वर्ष अतिरिक्त सजा।

- धारा-4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम में दो वर्ष दस हजार जुर्माना, जुर्माना न देने पर एक माह अतिरिक्त कैद

-अर्थदंड की राशि दो लाख रुपये पीडि़ता और उसके बच्चे को मिलेगी

chat bot
आपका साथी