एशियाज चैंपियनशिप रेस में पहली बार कानपुर की सोलर कार, जानिए क्या है इसकी खासियत Kanpur News

एकेटीयू से संबद्ध कॉलेज के मैकेनिकल इंजीनियरिंग छात्रों ने कार बनाई है।

By AbhishekEdited By: Publish:Sun, 24 Nov 2019 12:10 PM (IST) Updated:Mon, 25 Nov 2019 09:23 AM (IST)
एशियाज चैंपियनशिप रेस में पहली बार कानपुर की सोलर कार, जानिए क्या है इसकी खासियत Kanpur News
एशियाज चैंपियनशिप रेस में पहली बार कानपुर की सोलर कार, जानिए क्या है इसकी खासियत Kanpur News

कानपुर, [विक्सन सिक्रोडिय़ा]। सौर ऊर्जा से चलने वाली कारों के एशियाई मुकाबले में कानपुर की सोलर रेसिंग कार ने भी चुनौती पेश की है। इस कार ने एशियाज बिगेस्ट इलेक्ट्रिकल सोलर व्हीकल चैंपियनशिप में प्रदर्शन किया है। चैंपियनशिप का यह छठा आयोजन था, जिसमें कानपुर में बनी सोलर कार ने पहली बार हिस्सा लिया। शहर के अलावा उत्तर प्रदेश से गाजियाबाद, आगरा और ग्रेटर नोएडा के भी इंजीनियरिंग संस्थानों में बनी सोलर कार भी चैंपियनशिप का हिस्सा बनीं। एशिया भर के देशों के मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्रों की सोलर कारों के बीच डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) संबद्ध एक्सिस कॉलेज के छात्रों की कार ने भी खूब वाहवाही बटोरी। छात्रों की टीम को यह कार बनाने में साल भर लगा, जिस पर दो लाख रुपये लागत आई।

सोलर कार में ये है खास

बीटेक छात्रों ने यह कार 500 वाट के सोलर पैनल व 1500 वाट की ब्रेसलेस डीसी मोटर से तैयार की है, जिसका वजन 210 किलो है। जयपुर स्थित आर्या कॉलेज में चैंपियनशिप का पहला चरण पार करने के बाद इस कार को प्रदर्शन के लिए चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में हुए एशियाज सोलर का चैंपियनशिप के लिए चुना गया। मैकेनिकल इंजीनियङ्क्षरग के विभागाध्यक्ष आदित्य कुमार ने बताया कि छात्रों ने सिंगल सीटर कार बनाई है। इस कार में 48 वोल्ट की बैटरी लगी हुई है। सोलर पैनल इस बैटरी को चार्ज करता है। पूरी बैटरी चार्ज होने पर यह कार 90 मिनट तक लगातार अधिकतम 45 किलोमीटर की रफ्तार से चल सकती है। इस कार को 2020 एशियाज बिगेस्ट इलेक्ट्रिकल सोलर व्हीकल चैंपियनशिप में उतारने की तैयारी है। इसका वजन 210 किलो से घटाकर 150 किलो किया गया है। अब यह 120 मिनट यानि दो घंटे तक लगातार 55 किलोमीटर की गति से चलेगी।

फ्लेक्सिबल सोलर पैनल का होगा इस्तेमाल

विभागाध्यक्ष आदित्य कुमार और अंकित खरे के निर्देशन में बनाई इस कार को कई परीक्षण सफल होने के बाद चैंपियनशिप में उतारा गया। उन्होंने बताया कि सोलर पैनल की क्षमता बढ़ाने के लिए इसे फ्लेक्सिबल किया जा रहा है। फ्लेक्सिबल सोलर पैनल से कार का वजन हल्का होने के साथ ही एयरो डायनेमिक बरकरार रहेगा। इससे हवा चलने पर भी वह नहीं बहकेगी। चलने के दौरान धीरे धीरे चार्जिंग से कार करीब पांच से दस किलोमीटर अधिक चल सकेगी।

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