एसआइटी को असलहों की आठ हजार फाइलें मिलीं गड़बड़, 32 हजार का हो चुका सत्यापन
कुल 41 हजार फाइलें हैं शेष फाइलों की जांच भी इसी हफ्ते पूरी हो सकती हैै। जो फाइलें अभी सत्यापित होने से बची हुई हैं उनकी स्थिति बहुत ही खराब है। एक-एक पेज की इन फाइलों की स्थिति बहुत ही जीर्णशीर्ण है। तीन दर्जन कर्मी जांच कर रहे हैैं।
कानपुर, जेएनएन। असलहा लाइसेंस की जांच कर रही एसआइटी को भी करीब आठ हजार फाइलों में गड़बड़ी मिली है। एसआइटी अब तक 32 हजार फाइलों की जांच कर चुकी है। शेष नौ हजार फाइलों का सत्यापन भी इसी हफ्ते पूरा हो जाएगा। हालांकि जो फाइलें अभी सत्यापित होने से बची हुई हैं उनकी स्थिति बहुत ही खराब है। एक-एक पेज की इन फाइलों की स्थिति बहुत ही जीर्णशीर्ण है।
बिकरू में सीओ बिल्हौर समेत आठ पुलिसकॢमयों की हत्या के बाद दुर्दांत विकास दुबे और उसके सहयोगियों को पुलिस ने मार गिराया था। इसके बाद शासन ने इसकी जांच एसआइटी को सौंपी थी। एसआइटी ने ही सत्यापन में पाया कि विकास दुबे और उसके सहयोगियों के असलहा लाइसेंस गलत शपथ पत्र के आधार पर बन गए थे। इसके बाद डीएम आलोक तिवारी ने सभी असलहा लाइसेंस की जांच का आदेश दिया। सिटी मजिस्ट्रेट के नेतृत्व वाली टीम ने 25 हजार फाइलों की जांच की तो पता चला कि 2066 लाइसेंस ऐसे मिले, जिनकी पत्रावली में स्वीकृति, सहमति या अनुमोदित शब्द नहीं लिखा था। इसी तरह 3112 लाइसेंस की पत्रावलियों में स्वीकृति, सहमति शब्द तो लिखा है, पर हस्ताक्षर डीएम या एडीएम के हैं यह पता नहीं चल पाया।
साथ ही 205 लाइसेंस एडीएम, एसडीएम और सिटी मजिस्ट्रेट की ओर से स्वीकृत पाए गए थे। इसी आधार पर डीएम ने शासन को एसआइटी जांच के लिए लिखा। वहां एसआइटी एसपी को जांच की जिम्मेदारी दी गई। तीन दर्जन पुलिसकर्मी कलेक्ट्रेट में फाइलें जांच रहे हैं। एसआइटी के एक अफसर के मुताबिक 41 हजार फाइलों में से करीब 32 हजार फाइलों की जांच हुई है। इसमें आठ हजार फाइलें संदिग्ध मिली हैं। जल्द ही सभी फाइलें जांच ली जाएंगी। फिर संदिग्ध फाइलों की जांच अलग से होगी। उस दौरान तैनात डीएम, एडीएम आदि से फिर जानकारी ली जाएगी।