CAA Protest in Kanpur : विरोध में उतरे सपाइयों को नहीं मिली प्रदर्शन की अनुमति, किए गए नजरबंद
प्रशासन ने सभी जनपदों में सुबह से ही बरती चौकसी प्रदर्शन करने पर अड़े सपा नेताओं व कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया।
कानपुर, जेएनएन। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में राष्ट्रीय स्तर पर हो रहे विरोध प्रदर्शन को देखते हुए गुरुवार सुबह से ही प्रशासन ने सभी जिलों में चौकसी बरती। कानपुर में जहां सपा के विरोध प्रदर्शन को अनुमति नहीं मिली, वहीं इटावा में सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को पार्टी के कार्यालय में ही नजरबंद कर दिया गया। चित्रकूट में नजरबंद करने के बाद भी प्रदर्शन पर अड़े सपाइयों को गिरफ्तार कर लिया गया। कन्नौज में भी सपाइयों को हिरासत में लेकर पुलिस लाइन ले जाया गया। उधर फर्रुखाबाद में प्रदर्शन करने कलेक्ट्रेट जा रहे सपाइयों को बैरीकेडिंग लगाकर रोका गया। जालौन में सपाई भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सड़कों पर निकले।
पार्टी कार्यालय में कर दिया नजरबंद
इटावा में सपा के विरोध प्रदर्शन को प्रतिबंधित करते हुए सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को पार्टी के जिला कार्यालय में ही नजरबंद कर दिया गया। हालांकि पुलिस बल के पहुंचने से पहले ही जिलाध्यक्ष गोपाल यादव मौका पाकर निकल गए और कार्यालय से आधा किमी दूर आंबेडकर चौराहे में धरने पर बैठ गए। कुछ देर में ही पुलिस ने वहां पहुंचकर उन्हें हिरासत में लिया और पार्टी कार्यालय में नजरबंद कर दिया। कार्यालय में पूर्व सांसद प्रेमदास कठेरिया सहित कई नेता नजरबंद रहे। शहर में चौराहों, तिराहों पर पुलिस बल की तैनाती रही। एसएसपी संतोष कुमार मिश्र, एएसपी नगर रामयश, एएसपी ग्रामीण रामबदन सिंह पुलिस बल के साथ शहर में भ्रमण करते रहे।
प्रदर्शन कर रहे सपाइयों से धक्कामुक्की
चित्रकूट में सपा कार्यकर्ताओं ने कर्वी के ट्रैफिक चौराहा के पास प्रदर्शन शुरू किया। जिले में धारा 144 लागू होने के कारण प्रशासन द्वारा अनुमति नहीं मिलने के बावजूद प्रदर्शन करने जा रहे सपाइयों को पुलिस प्रशासन ने कार्यालय में ही नजरबंद कर दिया। सपा कार्यालय को बड़ी संख्या में पुलिस बल ने घेर लिया। प्रदर्शन पर अड़े सपाइयों को पुलिस ने गिरफ्तार किया तो धक्कामुक्की हुई। पूर्व विधायक वीर सिंह पटेल, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष शिव शंकर यादव, जिलाध्यक्ष अनुज यादव, अनिल प्रधान समेत दर्जनों सपाइयों को बस से पुलिस लाइन पहुंचाया गया। वहां भी नारेबाजी हुई। बाद में एसडीएम ने शांति भंग की धारा को लेकर जमानत देकर रिहा कर दिया।
रास्ते भर पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी
कन्नौज मेंं सपाइयों ने सीएए का जमकर विरोध किया। गुरुवार सुबह पार्टी कार्यालय पर सैकड़ों सपाई धरना देकर बैठ गए और प्रदर्शन किया। इसको लेकर सुबह से ही प्रशासन ने चौकसी बरती। धारा 144 के साथ चप्पे चप्पे पर पुलिस व पीएसी तैनात रही। विरोध बढ़ा तो कई थानों का फोर्स पहुच गया। पुलिस ने सैकड़ों सपाइयों को हिरासत में ले लिया। आठ बसों में भरकर पुलिस लाइन ले गए। रास्ते भर पुलिस व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। वहां, सभी को हिरासत में रखा गया। इस दौरान एडीएम उमेश चंद्र उपाध्याय व एएसपी विनोद कुमार ने तिर्वा रोड स्थित पार्टी कार्यालय पर फोर्स बढ़ा दिया।
कलेक्ट्रेट पहुंच एडीएम को सौंपा ज्ञापन
फर्रुखाबाद में कलेक्ट्रेट और उसके आसपास के क्षेत्र को छावनी में तब्दील कर दिया गया था। जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे, जबकि जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के आसपास भारी पुलिस लगाकर सपाइयों को कलेक्ट्रेट तक न पहुंचने देने की योजना बनाई गई। कलेक्ट्रेट की ओर बढ़ते ही पुलिस ने बैरीकेड लगाकर सपाइयों को रोक दिया। पुलिस और सिपाहियों के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई। आखिर 5 लोगों को कलेक्ट्रेट गेट तक जाकर ज्ञापन देने अनुमति गई, लेकिन जिलाध्यक्ष नदीम फारुकी, मनदीप यादव और सुबोध यादव के साथ पुलिस को धता बताकर लगभग दो दर्जन सपाई आगे निकल आए और पुलिस के रोकते-रोकते भी कलेक्ट्रेट गेट पर धरना शुरू कर दिया। सपाइयों की नारेबाजी के बाद कुछ देर में ही अपर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया। इसी बीच पूर्व विधायक नरेंद्र सिंह और उनके पुत्र सचिन सिंह के साथ कुछ सपाई और आ गए। नरेंद्र सिंह यादव को भी कलेक्ट्रेट गेट से पूर्व ही रोक दिया गया। इस दौरान अन्य सपाई भी आ गए और उनके साथ एक बार फिर सांकेतिक धरना शुरू किया गया जो थोड़ी देर में ही निपट गया।
सपाई उतरे सड़कों पर, पुलिस ने की घेराबंदी
जालौन में सपाई सड़कों पर उतरे। प्रदर्शन को लेकर चप्पे-चप्पे पर भारी फोर्स तैनात कर दी गई। उरई में सपा कार्यालय से भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए निकले कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए पुलिस बल ने प्रयास किया तो धक्कामुक्की की गई। कुछ दूर आगे बढऩे पर आंबेडकर चौराहे के पास घेराबंदी कर रोक दिया गया। एसडीएम सत्येंद्र कुमार सिंह ने ज्ञापन लिया, जहां से सभी कार्यालय वापस लौट गए। प्रदर्शन को देखते हुए कलेक्ट्रेट पर भी भारी फोर्स मौजूद रहा। सभी गेटों को बंदकर सुबह से ही आवागमन रोक दिया गया था। कालपी से जिला मुख्यालय के लिए चले जत्थे को जोल्हूपुर मोड़ के पास हिरासत में ले लिया गया। जिनको बाद में छोड़ दिया गया।