वाहन बचाने की मजबूरी, अदा करा रही टैक्स व जुर्माना

जागरण संवाददाता, कानपुर : वैट में बिना पर्याप्त कागजात व टैक्स चुकाए लाए जा रहे माल पर टैक्स व जु

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Nov 2017 03:00 AM (IST) Updated:Mon, 06 Nov 2017 03:00 AM (IST)
वाहन बचाने की मजबूरी, अदा करा रही टैक्स व जुर्माना
वाहन बचाने की मजबूरी, अदा करा रही टैक्स व जुर्माना

जागरण संवाददाता, कानपुर : वैट में बिना पर्याप्त कागजात व टैक्स चुकाए लाए जा रहे माल पर टैक्स व जुर्माना ज्यादा हो जाने की स्थिति में कारोबारी सीज माल छोड़ देते थे लेकिन अब माल से ज्यादा जुर्माना व टैक्स होने पर भी वाहन बचाने की मजबूरी में इसे अदा करना पड़ रहा है।

वैट के समय जिन व्यापारियों का माल पकड़ा जाता था तो वाणिज्य कर विभाग के अफसर उसे सीज कर वाहन छोड़ देते थे। कारोबारी टैक्स व जुर्माना चुका कर माल ले जाते थे। अगर टैक्स और जुर्माना उन्हें ज्यादा लगता था तो वे उसे वैसे ही छोड़ देते थे लेकिन अब स्थितियां बदल गई हैं। जीएसटी में एक्साइज के नियम लागू हो जाने के बाद अब माल के साथ वाहन और कागज भी सीज करने के नियम हैं।

पिछले दिनों माल सीज किए जाने के मामले में 20 लाख के माल पर 22 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया। कारोबारी को माल छुड़ाने पर भारी नुकसान था क्योंकि जिस माल पर वह एक बार पैसा दे चुका था, उससे ज्यादा पैसा उसे टैक्स व जुर्माने के रूप में देना था लेकिन ट्रक बचाने के लिए उन्हें टैक्स और जुर्माना भर कर माल व वाहन छुड़ाना पड़ा। अधिकारियों के मुताबिक यह एक अच्छा पहलू है क्योंकि अब कारोबारी माल छोड़ नहीं सकते। उन्हें टैक्स अदा ही करना पड़ेगा वरना उन्हें तगड़ा झटका लगेगा। अपंजीकृत व्यापारियों की लगातार शिकायतें आ रही हैं कि ट्रांसपोर्टर उनका माल बुक नहीं कर रहे हैं। इसके पीछे भी यही कारण है। ट्रांसपोर्टर खुद टैक्स की लिखापढ़ी में आना नहीं चाहते। कुछ ट्रांसपोर्टर जो बिना लिखा पढ़ी चोरी से माल ले जा रहे हैं, पकड़े जाने पर उनके ट्रक फंस रहे हैं। इसलिए वे भी अपंजीकृत कारोबारियों को खतरा मानने लगे हैं।

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